लखनऊ (उत्तर प्रदेश) : कानपुर के चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एके सिंह ने कहा कि, एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस), मशीन लर्निंग और जीनोम एडिटिंग टूल्स के माध्यम से हम जद ही गन्ने की उन्नत किस्मों के नए संस्करण ला सकते हैं। भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान (आईएसआरआई) के 74वें स्थापना दिवस पर रविवार को प्रशासनिक व तकनीकी कर्मचारियों और एक युवा वैज्ञानिक को सम्मानित किया गया। वहीं संस्थान के कई प्रकाशनों का विमोचन भी किया गया।
उन्होंने कहा, गन्ने की 0238 प्रजाति को लाल सड़न रोग से छुटकारा दे सके तो यह संस्थान और किसानों के लिए गौरवशाली क्षण होगा। निदेशक डॉ. आर विश्वनाथन ने कहा कि, संस्थान ने पिछले कुछ वर्षों के दौरान 17 गन्ना किस्मों का विकास किया है। जिनमें से दो किस्में इस वर्ष प्रधान मंत्री ने जारी कीं। इस मौके पर उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद (यूपीसीएआर) के महानिदेशक डॉ. संजय सिंह, आईएसआरआई के पूर्व निदेशक डॉ ए.डी. पाठक मौजूद रहे।