किबोस सुगर एंड एलाइड इंडस्ट्रीज व्यवसाय में प्रतिकूल माहौल को देखते हुए अपना रिफाइनरी सेक्शन बंद करने की सोच रहा है। इस मिल के बंद होने से 500 लोगों की नौकरियां दांव पर होंगी।
किसुमू स्थित मिलर का दावा है कि सरकारी सिस्टम द्वारा बनाई गई नीति अत्यंत खराब है। मिल के प्रबंध निदेशक भिरे छाटे ने कहा की कि वे पहले ही इस इंडस्ट्री से हटने की चर्चा में है। छाटे ने कहा कि पिछले चार साल से मिल में निवेश बढ़ा नहीं है। किसी भी बिजनेस के लिए यह अच्छी बात नहीं है।
किसुमू के गवर्नर, प्रोफेसर पीटर आनंग ‘न्योंग्यो ने प्रबंधन को बाहर न निकलने के लिए मनाने के लिए सोमवार को मिल का दौरा किया। न्योंग्यो ने कहा कि फैक्ट्री, जिसमें एक डिस्टिलरी, पेपर प्लांट, गैस प्लांट और एक चीनी मिल है, पूरे क्षेत्र में निवेश का सबसे बड़ा केंद्र है। यहां निवेश जरुरी है। उन्होंने कहा कि हम आर्थिक क्षेत्र बनाने के बारे में बात नहीं कर सकते, क्योंकि हम इससे बाहर निकल रहे हैं।
चीनी मिल पर कई अदालती मामले हैं और गिरफ्तारियां भी हुई हैं। जिसके चलते इसके संचालन को खतरा है।
इस साल की शुरुआत में, किसुमू की एक उच्च न्यायालय ने एक निषेधाज्ञा के तहत मिल के संचालन को रोक दिया था। मिल पर पर्यावरण को हानि पहुंचाने का आरोप था। इस केस को अभी निर्धारित नहीं किया गया है।
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