जुलै माह केलिए केंद्र सरकार कि ओर से कम मात्रा में चीनी जारी करने की वजह से शनिवार को वाशी स्थित कृषि उत्पन्न बाजार समिति में चीनी के दाम में ३.५% उछाल दर्ज की गयी. चीनी व्यापारीयों की अपेक्षा के विपरीत जुलै माह केलिए केंद्र सरकारने सिर्फ १.६ मिलियन टन चीनी बाजार में बिकवाली केलिए जारी किया है. जून महीने केलिये यह २.१ मिलियन टन था. इसकी वजह से बाजार में कम चीनी उपलब्ध होंने के कारण एस ३० चीनी के दाम में १०० रूपया प्रति क्विंटल उछाल दर्ज की गयी. शनिवार को यह चीनी ३०२० -३०७० रुपया प्रति क्विंटल कीमत पर बेचीं जारही थी. पिछले कइ महीनों से चीनी के दाम में इतनी बड़ी उछाल देखि नहीं गयी. फिर भी यह कीमत चीनी उत्पादन लागत से ५०० रुपया प्रति क्विंटल कम है. और चीनी बिकवाली का कोटा कम जारी होने के वजह से गन्ना किसानों की बकाया राशि अदा करने में चीनी मीलों को मुश्किल हो सकती है.
इस माह केलिए केंद्र से चीनी बिकवाली केलिए जारी किया गया चीनी का कोटा सामान्य मासिक घरेलु मांग २.१३ मिलियन टन की तुलना में २३% कम है. गत माह में महाराष्ट्र की चीनी मिले उन्हें निर्धारित चीनी का कोटा बेचने में असफल होने के करण इस माह में चीनी का कोटा कम किया गया है. केवल महाराष्ट्र के चीनी मीलों के पास २००,००० टन इतनी भारी मात्रा में चीनी बिना बिकवाली के गोदामों में पडी है. सामान्य उपभोक्ता और सॉफ्टड्रिंक, आइसक्रीम और अन्य उद्योगो में चीनी की मांग कम होने कारण घरेलु चीनी खपत में गिरावट दर्ज कि गयी है. और यह सामन्य बात है. लेकिन आनेवाले दिनों में त्यौहार और अन्य वजहों से चीनी की मांग बढ़ने के कारण चीनी बिकवाली कोटे में २.४ मिलियन टन तक बढ़ोत्तरी हो सकती है. फिर भी उत्तर प्रदेश की चीनी मीलों ने गन्ना किसानों की बकाया राशि अदा करने केलिए अधिक मात्रा में चीनी का कोटा जारी करने की मांग कि है. चीनी का अतिरिक्त उत्पादन और बकाया राशि को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरक्राने ३ मिलियन टन चिनी का बफर स्टॉक और २ मिलियन टन चीनी के निर्यात केलिए अनुमति दी है.