कोलंबो: आख़िरकार 30 साल से बंद पड़ी कांटाले चीनी मिल अगस्त में खुलने वाली है। मिल शुरू करने का उद्देश श्रीलंका को चीनी में आत्मनिर्भर बनाना है। पिछलें दो वर्षों में चीनी के आयात के लिए 20 बिलियन खर्च हुए है। कांटाले चीनी मिल के लिए मशीनरी इजरायल से आयात करने की प्रक्रिया शुरू है। यह चीनी उत्पादन परियोजना सबसे पहले घरेलू बाजार के लिए चीनी का उत्पादन करेगी और फिर श्रीलंका के निर्यात सूची में जुड़ सकती है।
इसके अलावा, मिल में इथेनॉल भी उत्पादित किया जाएगा, जिससे इथेनॉल के आयात को कम करने में मदद करने से विदेशी मुद्रा की बचत होगी। परियोजना की लागत लगभग 400 करोड़ रूपयें है। इस निवेश की अन्य अनूठी विशेषताओं में से दो यह हैं कि यह 4,500 से अधिक नए रोजगार के अवसर पैदा करेगा और साथ ही 7,500 एकड़ से अधिक गन्ने की खेती के लिए किसानों की मदद करेगा। मिल का किसानों के साथ आगे की खरीद समझौता भी होगा, जिससे उनके लिए एक स्थिर आय सुनिश्चित होगी। चीनी मिल 30 वर्ष की लीज पर बिल्ड ओन और ट्रांसफर (बीओटी) परियोजना के रूप में संचालित किया जाएगा। सरकार, किसानों और संघ के बीच एक त्रि-पक्षीय समझौता होगा।
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