बेलगावी: राज्य सरकार चीनी मिलों के माध्यम से ऑक्सीजन का उत्पादन करने का विकल्प तलाश रही है। खान और भूविज्ञान मंत्री मुरुगेश निरानी ने गुरुवार को बागलकोट में पत्रकारों से कहा कि, सरकार जल्द ही इस मुद्दे पर चर्चा के लिए अधिकारियों और चीनी मिलों के प्रबंधकों की बैठक बुलाएगी।
महाराष्ट्र में उस्मानाबाद की धाराशिव चीनी मिलों के कुछ उपकरणों को संशोधित करके 20 टन ऑक्सीजन का उत्पादन का पायलट प्रोजेक्ट शुरू हो गया है। जिसके बाद कर्नाटक मे भी मिलों के माध्यम से मेडिकल आक्सीजन उत्पादन करने पर सोच-विचार किया जा रहा है।
मंत्री मुरुगेश निरानी ने कहा कि, अधिकारी मुझे बताते हैं कि इथेनॉल का उत्पादन करने वाली चीनी मिलें आसानी से ऑक्सीजन का उत्पादन कर सकती हैं। मैंने उनसे संभावना तलाशने और चीनी मिलों को ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए कहा है। मैं चीनी उद्योग में अपने दोस्तों से यह प्रयास करने की अपील कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि, वह अपने मिलों के तकनीशियनों को ऑक्सीजन उत्पादन करने के लिए कहेंगे। हालांकि, इसमें 4- 6 महीने लग सकते हैं। मंत्री ने कहा, यह महामारी की तीसरी लहर का सामना करने में हमारी मदद कर सकता है।
चीनी आयुक्त कार्यालय के एक अधिकारी ने कहा कि, राज्य में 118 पंजीकृत मिलों में से केवल 71 कार्यशील हैं। उन्हें ऑक्सीजन के उत्पादन में उतारा जा सकता है। यह ऑक्सीजन की कमी कि समस्या को दूर करेगा। हालांकि, मिलों का कहना है कि, यह इतना आसान नहीं है। हम कर सकते हैं, लेकिन यह आसान नहीं है। इसमें नया निवेश और महत्वपूर्ण समय शामिल है। महत्वपूर्ण रूप से, सरकार द्वारा पहल किए बिना मिले काम शुरू नहीं करेगी।