कर्नाटक: राज्य सरकार से चिंचोली स्थित चीनी मिल को फिर से शुरू करने की मांग

कलबुर्गी: गन्ना उत्पादक संघ ने मांग की है कि, जिला प्रशासन विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल की अध्यक्षता वाली सहकारी बैंक सिद्धसिरी सौहार्द सहकारी नियमित (SSSN) द्वारा संचालित चिंचोली स्थित चीनी मिल को फिर से खोले, ताकि वह कटे हुए गन्ने की पेराई शुरू कर सके। कलबुर्गी जिले के चिंचोली में स्थित मिल पर पर्यावरणीय मानदंडों का पालन न करने का आरोप है और कर्नाटक राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (केएसपीसीबी) ने हाल ही में इसे बंद करने का आदेश दिया है।

रविवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में बोलते हुए गन्ना उत्पादक संघ के जिला अध्यक्ष जगदीश पाटिल ने कहा कि, मिल बंद होने के बाद क्षेत्र के किसानों को अपनी कटी हुई फसल बेचने में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा, गन्ना उत्पादक लगभग 12 वर्षों से अपने पड़ोस में एक चीनी मिल खोलने का सपना देख रहे थे जो उनका गन्ना खरीद सके। उनका सपना कुछ महीने पहले साकार हुआ जब SSSN ने मिल स्थापित की। अब सरकार ने इसे पर्यावरण नियमों के अनुरूप न होने के आधार पर बंद कर दिया है। क्षेत्र में किसानों ने 20,000 एकड़ में गन्ना उगाया है और इसे खरीदने वाला कोई नहीं है।उन्होंने दावा किया की, मिल को बंद करने का सरकार का कदम हजारों गन्ना उत्पादकों को गंभीर संकट में धकेल देगा। पहले ही काटे जा चुके गन्ने की ओर इशारा करते हुए, पाटिल ने कहा कि अगर फसल की खरीद के लिए मिल नहीं खोला गया तो गन्ना सूख जाएगा।

उन्होंने कहा, मिल परिसर में करीब 500 गन्ना लदे ट्रक खड़े हैं। कटे हुए गन्ने की पेराई की वैकल्पिक व्यवस्था किए बिना मिल को बंद करना अविवेकपूर्ण निर्णय है। अगर मिल ने लागू नियमों का उल्लंघन किया है तो उसे बंद करने के बजाय उस पर जुर्माना लगाया जा सकता था। अगर सरकार मिल दोबारा नहीं खोलना चाहती तो उसे कम से कम गन्ना तो खरीदना ही चाहिए। अगर सरकार हमारी मांग पर सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं देती है तो हमें आंदोलन का सहारा लेना पड़ेगा। इस अवसर पर किसान नेता बसवराज पाटिल, शांतावीर पाटिल, शांता वीरप्पा हेब्बाल, करीबसप्पा उज्जा और शरणबसप्पा मागा मौजूद थे।

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