मैसुरु, कर्नाटक: कोरोना वायरस संक्रमण से लड़ने के लिए बढ़ रही हैंड सैनिटाइजर्स की मांग को पूरा करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें सरकार चीनी मिलों और डिस्टीलरीज को हैंड सैनिटाइजर्स का उत्पादन करने को कह रही है। किसानों का कहना है कि उनके पास इस संक्रमण से बचाव के लिए हैंड सैनिटाइजर्स भी नहीं हैं। कर्नाटक राज्य के मांड्या जिले के किसानों का मानना है कि सैनिटाइजर्स उपलब्ध कराने से लोगों को स्वच्छता और कोरोना वायरस से बचाने के लिए शिक्षित किया जा सकता है।
बड़े शहरों में भी सैनिटाइज़र की कमी हो गई है। केमिस्ट की दुकानों से सैनिटाइजर के स्टॉक समाप्त हो चले हैं। कुछ केमिस्टों ने तो इसकी नियंत्रित वितरण शुरु किया है। हरेक व्यक्ति को एक बोतल दी जा रही है।
गौरतलब है कि कर्नाटक की कई चीनी मिलों और डिस्टीलरीज में स्पिरिट का उत्पादन बंद है। किसानों का कहना है कि राज्य सरकार को इसे तुरंत चालू करने का निर्देश देना चाहिए ताकि सैनिटाइजर का उत्पादन हो सके और गांवों में किसानों को मुहैया कराई जा सके।
राज्य गन्ना उत्पादक संघ के अध्यक्ष कुर्बुर शांताकुमार ने कहा कि चीनी मिलों को सभी जिलों, अस्पतालों और जनता को मुफ्त में सैनिटाइजर उपलब्ध कराना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य में गन्ना उगाने वाले 20 लाख परिवार हैं। इनके स्वास्थ्य की रक्षा के लिए चीनी मिलों द्वारा सैनिटाइज़र, मास्क बांटनी चाहिए।
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक राज्य के चीनी आयुक्त अकरम पाशा ने कहा कि दस डिस्टिलरीज ने सैनिटाइज़र का उत्पादन करना शुरू कर दिया है, जिनमें से आठ ने आबकारी विभाग से अनुमति ली है। उन्होंने कहा कि जल्द ही सैनिटाइजर सरकार के माध्यम से जिला प्रशासन और अन्य संगठनों तक पहुंच जाएगा, ताकि यह ग्रामीण क्षेत्रों और गरीबों तक पहुंचे।
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