कर्नाटक: किसानों ने ब्रह्मवर शुगर फैक्ट्री में अनिश्चितकालीन धरना समाप्त किया

मंगलुरु: भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए 22 फरवरी से बंद पड़े ब्रह्मवर शुगर फैक्ट्री परिसर के सामने अनिश्चितकालीन धरना दे रहे उडुपी जिला रैयत संघ ने सरकार से आश्वासन मिलने के बाद धरना समाप्त कर दिया है। संघ के सदस्यों ने कहा कि, राज्य सरकार ने दक्षिण कन्नड़ सहकारी शुगर फैक्ट्री, ब्रह्मवर में भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने का वादा किया है, जिन्होंने कथित तौर पर फैक्ट्री से स्क्रैप बेचा था। पूर्व एमएलसी प्रतापचंद्र शेट्टी ने कहा कि, संघ के सदस्य फैक्ट्री में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए करीब 50 दिनों से धरना दे रहे थे।

उन्होंने कहा, सरकार ने किसानों के दिन-रात के सत्याग्रह का जवाब दिया और एक परिपत्र जारी किया। इसके अलावा, उडुपी की डिप्टी कमिश्नर के विद्या कुमारी और पुलिस अधीक्षक अरुण के ने सरकार की ओर से सत्याग्रह स्थल का दौरा किया और किसानों से धरना वापस लेने का अनुरोध किया। संघ के सदस्यों के अनुसार बंद पड़ी फैक्ट्री में भ्रष्टाचार के कारण 14 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि, जनवरी 2022 से जून 2022 तक 21.9 करोड़ रुपये मूल्य के स्क्रैप आइटम बेचे गए, लेकिन आंकड़े गलती से 11.4 करोड़ रुपये दर्ज कर दिए गए। हालांकि, इनमें तांबा, पीतल, एल्युमीनियम और लोहा था, जिनके मूल्य अलग-अलग हैं, लेकिन उन वस्तुओं को अलग नहीं किया गया।

उन्होंने आरोप लगाया कि, फैक्ट्री से स्क्रैप बेचने में भारी अनियमितताएं थीं, क्योंकि ई-प्रोक्योरमेंट की प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया था और फैक्ट्री से ई-वे बिल, वेब्रिज रसीदें और गेट पास बनाए नहीं रखे गए थे। 14 अक्टूबर 2022 को संबंधित विभागों और 5 दिसंबर 2022 को ब्रह्मवार पुलिस के पास शिकायत दर्ज कराई गई थी। चूंकि पुलिस ने शिकायत स्वीकार नहीं की, इसलिए अदालत में एक निजी शिकायत दर्ज की गई। इसके बाद अदालत ने ब्रह्मवार पुलिस को मामले की जांच करने का निर्देश देते हुए आदेश पारित किया। चूंकि मामले में सरकारी अधिकारियों के भी नाम आरोपी हैं, इसलिए पुलिस ने गृह विभाग को पत्र लिखकर 14 अगस्त 2024 को मामले की जांच की अनुमति मांगी। हालांकि, गृह विभाग ने अनुमति नहीं दी, जिससे किसानों को मजबूरन धरना शुरू करना पड़ा था।

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