मैसूर: राज्य सरकार के स्वामित्व वाली मांड्या में स्थित मैसूर शुगर कंपनी लिमिटेड (मायशुगर) ने गुरुवार को पेराई परिचालन फिर से शुरू कर दिया। आपको बता दे की, पिछले कई सालों से मिल बंद पड़ी थी, अब मिल फिर से शुरू होने से किसानों में खुशी का माहोल है। मांड्या जिले के प्रभारी मंत्री K. Gopalaiah ने गन्ने की पेराई की शुरुआत की। पेराई की शुरुआत के बाद मंत्री गोपालैया ने कहा, मिल को फायदे में चलाने के लिए सभी वर्गों का समर्थन आवश्यक है। उन्होंने कहा कि, मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को आमंत्रित करते हुए औपचारिक रूप से अभियान शुरू किया जाएगा। पेराई के दौरान कुछ छोटी-मोटी रुकावटें आ सकती हैं, लेकिन इसे नियमित रूप से चलाने के लिए सभी को सुलझा लिया जाएगा।
मिल की स्थापना 1933 में नलवाड़ी कृष्णराजा वाडियार के शासन के दौरान हुई थी। 90 साल पुरानी फैक्ट्री को घाटे और कई समस्याओं का सामना करने के बाद बंद करना पड़ा था। फैक्ट्री को पटरी पर लाने के कई असफल प्रयासों के बाद, कई निजी खिलाड़ियों ने मायशुगर चालू करने में रुचि दिखाई। सरकार ने मिल को पुनर्जीवित करने की घोषणा की और बजट में इसकी बहाली के लिए 50 करोड़ रुपये आवंटीत किए थे। मंत्री Gopalaiah ने कहा कि, मिल का इस सीजन में 4,000 टन गन्ने की पेराई का लक्ष्य है। इस अवसर पर रेशम उत्पादन, युवा अधिकारिता और खेल मंत्री नारायण गौड़ा, मांड्या सांसद सुमलता अंबरीश, विधायक एम. श्रीनिवास, उपायुक्त एस. अश्वथी, मैसूर के अधिकारी और अन्य उपस्थित थे।