मैसूर :”वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट” योजना के तहत मंड्या में गुड़ इकाईयों को सभी प्रकार का सहयोग मिलेगा और नवीनतम तकनीकों को अपनाते हुए रासायनिक / केमिकल मुक्त गुड़ उत्पादन के लिए प्रोत्साहित करने के लिए कदम उठाए जाएंगे। इस कदम के साथ गुड़ के निर्यात के साथ साथ कृषि आय में सुधार करने का लक्ष्य रखा गया है। मंड्या में आयोजित एक बैठक में जिले के प्रभारी मंत्री नारायण गौड़ा, सहकारिता मंत्री एस.टी. सोमाशेकर और सांसद सुमालथा और अन्य अधिकारियों ने कहा कि,केमिकल मुक्त गुड़ उत्पादन से किसानों को अपनी आय में सुधार करने में मदद मिलेगी और साथ ही उनकी उपज को निर्यात के लिए चुने जाने की संभावना बढ़ जाएगी। मंडी सरकार के इस फैसले से गुड इकाइयों को समर्थन मिलने की उम्मीद है।
‘एक जिला एक उत्पाद’ आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत, सूक्ष्म और लघु खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को प्रोत्साहित और बढ़ावा दिया जा रहा है। सांसद सुश्री सुमलाथा ने कहा कि, मंड्या से जैविक गुड़ की ब्रांडिंग होनी बाकी है। इसके लिए प्रचार और मार्केटिंग की जरूरत है। यदि मंड्या के गुड़ निर्माता अधिक कीमत चाहते हैं, तो गुड में भी निर्यात गुणवत्ता होनी चाहिए। गुणवत्ता और उत्पादन में सुधार के लिए गठित समितियां इन मुद्दों पर गौर कर सकती हैं। नारायण गौड़ा ने कहा कि, जिले में 500 से अधिक इकाइयां हैं, और गुड निर्माताओं को सभी प्रकार का समर्थन दिया जाएगा। सोमशेखर गौड़ा ने कहा कि,गन्ने को सरकार से उचित मूल्य मिलना चाहिए।