हावेरी : लंबे समय के बाद हावेरी जिले में गन्ने की मांग में उछाल आया है। पहले यहां के गन्ना उत्पादक पहले जिले में जीएम शुगर्स (संगुरू) पर निर्भर थे। हालाँकि, इस वर्ष दो और एथेनॉल इकाइयाँ शुरू हो गई है (एक शिगगाँव तालुका के कोनाणाकुंटे में और दूसरी रत्तीहल्ली तालुका में)। इन दोनों एथेनॉल इकाइयों को गन्ने की जरूरत है, इसलिए गन्ने की मांग बढ़ गई है। तीनों फैक्ट्रियां गन्ना आपूर्ति के लिए किसानों से संपर्क कर रही हैं। नतीजतन, गन्ना उत्पादक बेहतर कीमतों और समय पर भुगतान की मांग कर रहे है। इसके अलावा, पड़ोसी जिले जैसे बल्लारी, गडग और दावणगेरे के मिलों से भी गन्ने की मांग आ रही है।
द टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित खबर के मुताबिक, जिले में पिछले वर्ष की तुलना में गन्ने की फसल की पैदावार कम हुई है। जहां 2022-23 में 10,540 हेक्टेयर पर गन्ना उगाया गया था, वहीं इस वित्तीय वर्ष 2023-24 में, हावेरी जिले में यह क्षेत्रफल 9,331 हेक्टेयर तक सीमित रहा है। तथापि, इस वर्ष सूखे का असर गन्ने की पैदावार पर भी पड़ा। इससे मिलों के बीच गन्ने के लिए होड़ लग गई है।