बेलगाम: कर्नाटक सरकार ने चीनी मिलों को आदेश दिया है कि, इस साल का चीनी सीजन 15 नवंबर के बाद ही शुरू होना चाहिए। कर्नाटक सरकार के इस फैसले से महाराष्ट्र की सीमावर्ती इलाकों की चीनी मिलों को थोड़ी राहत मिली है, क्योंकि इसके कारण महाराष्ट्र का गन्ना कर्नाटक की मिलों को नही जायेगा।
पिछले साल महाराष्ट्र और कर्नाटक में बारिश की कमी के कारण कुछ तालुकों में गन्ने की खेती कम हो गई थी। इसका असर इस सीजन पर पड़ेगा। गन्ने की कम उपलब्धता के कारण राज्य सरकार ने इस वर्ष गन्ना सत्र 15 नवंबर से शुरू करने का निर्णय लिया है। अगर महाराष्ट्र सरकार चीनी मिलों को 1 नवंबर से पेराई सीजन शुरू करने की इजाजत दे देती है, तो कोल्हापुर और सांगली जिले की फैक्ट्रियों को फायदा हो सकता है।
इस बारे में ‘चीनीमंडी’ से बात करते हुए चीनी उद्योग विशेषज्ञ पी. जी. मेढे ने कहा कि, कर्नाटक सरकार का यह फैसला महाराष्ट्र के सीमावर्ती इलाकों की फैक्ट्रियों के लिए फायदेमंद है। इस फैसले से कर्नाटक में चीनी मिलों से गन्ने के डायवर्जन पर लगाम लगाई जा सकेगी। मेढे ने यह भी कहा कि, अगर महाराष्ट्र सरकार मंत्रिस्तरीय समिति की बैठक जल्दी आयोजित करती है, तो मिलों को सीजन की तैयारी के लिए पर्याप्त समय मिलेगा।