मंड्या: उपायुक्त कुमारा ने कहा की, जिले में किसानों को सूखा राहत प्रदान करने के लिए एनडीआरएफ मानदंडों के तहत केवल चार फसलों की पहचान की गई है और इन चार फसलों में धान, रागी, ज्वार और मूंगफली शामिल हैं। द हिन्दू में प्रकाशित खबर के मुताबिक, किसानों की अपील पर, सूखे से प्रभावित किसानों को राहत पैकेज देने के लिए गन्ना और नारियल की फसलों को शामिल करने के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा।
बुधवार को यहां किसानों की शिकायतों के समाधान के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने कहा कि, सिंचाई परामर्शदात्री समिति की बैठक के बाद केआरएस बांध से पानी छोड़े जाने के संबंध में किसानों को पहले ही सूचित कर दिया जाएगा। बांध से पानी छोड़े जाने के दौरान विश्वेश्वरैया नहर में किए जाने वाले किसी भी कार्य के मामले में, उन कार्यों को अस्थायी रूप से रोक दिया जाएगा और उसके बाद पानी छोड़ा जाएगा। बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि किसानों को चिंता करने की जरूरत नहीं है।
कुमारा ने कहा कि, मंड्या को 90,000 मीट्रिक टन उर्वरक की जरूरत है। उन्होंने कहा कि, अभी तक 55,000 मीट्रिक टन उर्वरक उपलब्ध है। सीजन में किसानों की मांग के आधार पर शेष मात्रा में उर्वरक खरीदा जाएगा। उपायुक्त ने किसानों को आश्वासन दिया कि, उर्वरक डीलरों को अपनी दुकानों पर मूल्य और स्टॉक विवरण प्रदर्शित करने के लिए कहा गया है। मंड्या में लगभग 540 लाइसेंसधारी उर्वरक डीलर हैं। उन्होंने कहा कि, उन्हें पहले ही नियमों का पालन करने के बारे में सूचित किया जा चुका