कलबुर्गी : कर्नाटक प्रांत रायथा संघ (केपीआरएस) के सदस्यों और कलबुर्गी जिले के गन्ना किसानों ने गुरुवार को यहां उपायुक्त कार्यालय के बाहर रास्ता रोको प्रदर्शन किया और जिले की विभिन्न चीनी मिलों को आपूर्ति किए गए गन्ने के बकाया भुगतान की मांग की। केपीआरएस के जिला अध्यक्ष शरणबसप्पा ममशेट्टी ने कहा कि, गन्ना किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने 24 जुलाई को बेंगलुरू में गन्ना विकास निदेशक और आयुक्त से मुलाकात की और विभिन्न चीनी मिलों को आपूर्ति किए गए गन्ने के बकाया भुगतान के लिए हस्तक्षेप की मांग की थी।
ममशेट्टी ने कहा कि, बैठक के 12 दिन बाद भी जिला प्रशासन या चीनी मिलों की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।ममशेट्टी ने कहा कि, केपीआर शुगर्स को 25,000 किसानों द्वारा आपूर्ति किए गए 11 लाख टन गन्ने की पेराई के लिए 17.82 करोड़ रुपये का भुगतान करना है। इसी तरह, रेणुका शुगर्स को 23,000 किसानों को 11.20 करोड़ रुपये का भुगतान करना है। ममशेट्टी ने कहा कि, रेणुका शुगर्स ने 3,282 रुपये प्रति टन के तय उचित लाभकारी मूल्य (एफआरपी) के मुकाबले 2,550 रुपये प्रति टन का भुगतान किया है।
अलंद तालुका में एनएसएल शुगर्स ने 3,018 रुपये प्रति टन के एफआरपी के मुकाबले 2,450 रुपये प्रति टन का भुगतान किया है और जेवरगी तालुका में उगार शुगर्स ने 3,150 रुपये प्रति टन के तय एफआरपी के मुकाबले 2,500 रुपये प्रति टन का भुगतान किया है। गन्ना उत्पादकों ने मांग की है कि सरकार 8.5 प्रतिशत की रिकवरी दर पर एफआरपी 5,000 रुपये प्रति टन तय करे।
पांच घंटे तक चले इस विरोध प्रदर्शन को शाम तक जिला अधिकारियों द्वारा यह आश्वासन दिए जाने के बाद वापस ले लिया गया कि, चीनी मिलों को निर्देश दिए जाएंगे कि वे विभिन्न मिलों को आपूर्ति किए गए गन्ने के लिए किसानों को बकाया भुगतान करें और 25 अगस्त तक उनकी सभी मांगों का समाधान करें। आंदोलनकारियों ने कहा कि, वे 25 अगस्त तक इंतजार करेंगे कि जिला अधिकारी उनकी मांगों को पूरा करते हैं या नहीं। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह आंदोलन का अंत नहीं है।
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