कर्नाटक: गन्ना किसानों ने सरकार से चिंचोली चीनी मिल को फिर से चालू करने की मांग की

कलबुर्गी : जिला गन्ना उत्पादक संघ ने राज्य सरकार से सिद्धसिरी एथेनॉल और पावर (एसईपी) फैक्ट्री को 1 नवंबर तक फिर से चालू करने की अनुमति देने की मांग की। उन्होंने कहा कि, अगर सरकार द्वारा मिल शुरू करने की अनुमति नहीं मिली तो गन्ना किसान अपने-अपने गांवों में रास्ता रोको आंदोलन करेंगे और 4 नवंबर से डिप्टी कमिश्नर कार्यालय के बाहर अनिश्चितकालीन धरना देंगे। एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष जगदीश पाटिल राजापुर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि, कर्नाटक राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (KSPCB) ने फैक्ट्री को फिर से चालू करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है, भले ही फैक्ट्री को कर्नाटक उच्च न्यायालय से अनुकूल आदेश मिल गया हो।

राजापुर ने कहा कि, KSPCB चिंचोली तालुका में अन्य फैक्ट्रियों [सीमेंट निर्माण फैक्ट्रियों] के बढ़ने पर आपत्ति नहीं कर रहा है, जो वायु और धूल प्रदूषण का कारण बन रही हैं। सरकार केवल सिद्धसिरी एथेनॉल और पावर फैक्ट्री को निशाना बना रही है। पिछले साल मिल ने प्रति टन गन्ने के लिए 2,600 रुपये का भुगतान किया था और यह राशि 15 दिनों के भीतर किसानों के खाते में जमा कर दी गई थी, जबकि भालकी शुगर मिल ने प्रति टन गन्ने के लिए 2,000 रुपये तय किए और छह महीने में किश्तों में भुगतान किया। राजापुर ने कहा, 4 नवंबर को गन्ना उत्पादक अनिश्चितकालीन धरना शुरू करेंगे और अपने-अपने गांवों में रास्ता रोको आंदोलन करेंगे, जिससे वाहनों की आवाजाही प्रभावित होगी।

चीनी उद्योग पर अधिक जानकारी और अपडेट के लिए, Chinimandi.com पढ़ते रहें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here