बेंगलुरु : कर्नाटक में गन्ना किसानों ने उत्पादन की लागत में 20% की वृद्धि का दावा करते हुए प्रति टन ₹5,500 एफआरपी की मांग कर रहे है। धारवाड़ में उपायुक्त कार्यालय भवन परिसर में सोमवार से धरना प्रदर्शन कर रहे गन्ना उत्पादकों ने बुधवार को अपना विरोध तेज कर दिया और चेतावनी भी दी कि वे जेल भरो शुरू करेंगे। कर्नाटक गन्ना उत्पादक संघ (Karnataka Sugarcane Growers Association) के प्रदेश अध्यक्ष कुरुबुर शांता कुमार के नेतृत्व में किसानों ने गन्ने के लिए वैज्ञानिक एफआरपी (उचित लाभकारी मूल्य) की मांग को लेकर सोमवार को आंदोलन शुरू किया। उपायुक्त कार्यालय भवन परिसर में डेरा डाले हुए किसानों ने स्पष्ट किया है कि, जब तक चीनी एवं गन्ना विकास मंत्री शंकर पाटील मुनेनकोप्पा उनकी मांगों को पूरा करने का लिखित आश्वासन नहीं देते, तब तक वे धरना वापस नहीं लेंगे।
बुधवार को, किसानों ने बैलों को जिला प्रशासन परिसर में भी लाया और उन्हें गेट के अंदर ले जाना चाहते थे, जिसे पुलिस ने अनुमति नहीं दी। बाद में केवल किसानों को ही अंदर जाने दिया गया। प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए, शांता कुमार ने ₹5,500 प्रति टन गन्ने की एफआरपी की मांग की। उन्होंने कहा, उत्पादन लागत में 20% की वृद्धि हुई है। उन्होंने सरकार के 2,900 रुपये प्रति टन के तय मूल्य को अवैज्ञानिक बताया। उन्होंने चीनी मिलों के साथ हुई द्विपक्षीय वार्ता के परिणाम के आधार पर सरकार द्वारा पारित प्रस्ताव को तत्काल लागू करने की मांग की। शांतकुमार ने यह भी चेतावनी दी कि अगर सरकार की उदासीनता जारी रही तो किसान जेल भरो चलाने के लिए मजबूर होंगे।