मांड्या, कर्नाटक: बंद पड़ी मैसूर चीनी मिल को लेकर पहले से ही विवाद जारी है। चीनी मिल को निजी कंपनी को देने लेकर विरोध चल रहा है और इसी बिच अब मिल में चोरी की वारदात बढ़ने की खबर सामने आयी है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यहां बंद पड़ी मैसूर चीनी मिल परिसर से चोर खुलेआम कीमती सामान चुरा रहे हैं। साल दर साल बढ़ते घाटे के बाद राज्य सरकार के स्वामित्व वाली इस अकेली चीनी मिल को वर्ष 2019 में बंद कर दिया गया था। पहले सरकार ने इसे पुनर्जीवित करने के लिए 20 करोड़ रुपये दिए थे, लेकिन उसके बाद भी मिल को बंद करना पड़ा और अब सरकार इसे निजी कंपनियों को लीज पर देने की योजना बना रही है। शुगर टाउन में स्थित मिल में 400 से अधिक कर्मचारी क्वार्टर्स, मैरिज हॉल, स्कूल क्लब हाउस, डाकघर, सहकारी समिति और अन्य कई कार्यालय हैं। मिल बंद होने के बाद सरकार ने 300 से अधिक कर्मचारियों को वीआरएस दिया। अब लगभग 30 कर्मचारी जो पहले ही सेवानिवृत्त हो चुके हैं, क्वार्टरों में रह रहे हैं।
चोर फैक्ट्री से स्टील, लोहे का सामान चुराकर कबाड़ में बेच रहे हैं। फैक्ट्री में एस्टेट ऑफिसर और गार्ड होने के बावजूद चोरी थमने का नाम नहीं ले रही है। मिल परिसर में 400 नारियल के पेड़ हैं, लेकिन फैक्ट्री में एक रुपये की भी आमदनी नहीं हो पाई है। संपर्क करने पर मैसूर के अध्यक्ष शिवलिंगगौड़ा ने बताया कि, चोरी की पुलिस में शिकायत दी गई है और उन्होंने चार लोगों को गिरफ्तार किया है। उन्होंने कहा कि, मिल ने बेहतर सुरक्षा के लिए 10 और सुरक्षा गार्ड नियुक्त करने की योजना बनाई है। उन्होंने यह भी कहा कि, पूर्व कर्मचारियों को फैक्ट्री क्वार्टर से बेदखल करने के लिए कदम उठाए जाएंगे।
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