नैरोबी: कृषि और खाद्य प्राधिकरण (AFA) के माध्यम से सरकार ने चीनी की मौजूदा कमी को रोकने के लिए गन्ने की कटाई और पेराई (Mature sugarcane) के लिए हरी झंडी दे दी है। फसल विकास प्रधान सचिव (पीएस) केलो हरसामा ने कहा कि, AFA द्वारा चीनी मिलों को पेराई बंद करने का निर्देश खेतों में गन्ने को परिपक्व होने देने के लिए दिया गया था और यह किसानों और मिल मालिकों दोनों के हित में किया गया था।
किलिमो हाउस में चीनी हितधारकों की बैठक के दौरान केलो हरसामा ने बताया कि, AFA के निर्णय को सरकार का समर्थन था और इसका उद्देश्य किसानों को अपरिपक्व गन्ने की कटाई से होने वाले नुकसान से बचाना था। हरसामा ने बताया कि, केन्या में गन्ने की कटाई का विनियमन कोई नई बात नहीं है और यह ब्राजील, थाईलैंड जैसे अन्य चीनी उत्पादक देशों और पूर्वी और दक्षिण अफ्रीका (सीओएमईएसए) क्षेत्र के सामान्य बाजार के सभी देशों में पाई जाने वाली प्रथा है।
उन्होंने कहा कि, अपरिपक्व गन्ने की कटाई को रोकने का नियम क्षेत्र के हितधारकों के साथ विचार-विमर्श के बाद बनाया गया था, लेकिन किसानों, मिल मालिकों और व्यापारियों की शिकायतों के कारण, वे अब केवल परिपक्व गन्ने की कटाई को ही मंजूरी दे रहे है।
प्रधान सचिव ने कहा, घरेलू बाजार में चीनी की जरूरत है और हम आयात करने से खुश नहीं हैं और इसलिए अगर देश में परिपक्व गन्ने का भंडार है तो हम इसकी कटाई और मिलिंग की अनुमति देंगे। उन्होंने कहा कि, वे समझते हैं कि चीनी उत्पादक क्षेत्रों में किसान अपने बच्चों को स्कूल ले जाने और अन्य जरूरतों को पूरा करने के लिए फसल पर निर्भर है और इसलिए वे उन्हें परिपक्व गन्ना बेचने की अनुमति देंगे।
AFA के अध्यक्ष कॉर्नेली सेरेम ने कहा कि, वे यह सुनिश्चित करने के लिए उपाय कर रहे हैं कि चीनी की कीमतें कम हों और उन्होंने कई कंपनियों को लगभग 290,000 मीट्रिक टन आयात करने का लाइसेंस दिया है। सेरेम ने कहा, नियमित रूप से हम प्रति माह लगभग 60,000 मीट्रिक टन का उत्पादन करते थे, लेकिन अब हम 17,000 मीट्रिक टन के उत्पादन पर आ गए है, जिससे देश में चीनी की बड़ी कमी हो गई है।