नैरोबी, केन्या: सीनेटरों को संदेह है कि, किसुमू स्थित किबोस चीनी मिल बंद होने के पीछें ‘ट्रेड वॉर’ हो सकता है। कृषि समिति ने बुधवार को दावा किया कि, मिलर और राष्ट्रीय पर्यावरण प्रबंधन एजेंसी (Nema) के बीच बिगड़ते रिश्तों के कारण मिल पर यह आफत आई है। कितूई सीनेटर हनोक वम्बुआ ने सवाल उपस्थित किया कि, मिल के सरकार और कृषि मंत्रालय के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध थे और फिर कैसे अचानक स्थिति में परिवर्तन हुआ, जिसके कारण मिल को बंद करना पड़ा। उन्होंने कहा की, जब किबोस ने ऑपरेशन शुरू किया, तो मंत्रालय और ‘Nema’ के साथ बहुत सौहार्दपूर्ण संबंध थे। फिर अचानक वह रिश्ता टूट गया और मिल का सहयोग करने के बजाय हम पत्रों का आदान-प्रदान करते रहें।
काकमेगा के क्लियोफ़ास मलाला ने पूछा कि, इस क्षेत्र के अन्य मिलरों से अलग-अलग व्यवहार क्यों किया गया। मलाला ने पर्यावरण प्रधान सचिव क्रिस केप्टू से सवाल किया कि, क्या पर्यावरण और सुरक्षा नियमों की धज्जियां उड़ाने के लिए मंत्रालय और नेमा ने कभी कोई अन्य चीनी मिल को बंद किया है। मंत्रालय के पास एयर क्वालिटी के अलावा किबोस के खिलाफ कुछ भी नहीं है। किबोस चीनी मिल प्रदूषण को लेकर पिछले दो वर्षों से Nema के रडार पर है।
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