मसिंदी, युगांडा: किन्यारा चीनी मिल प्रबंधन ने कहा है कि, मसिंदी जिले में किन्यारा चीनी मिल गन्ने के बड़े पैमाने पर तस्करी के कारण गन्ने के संकट से जूझ रही है, जिसमें गुड़ उत्पादक, प्रतिद्वंद्वी मिलों के मालिक और बाहरी किसान शामिल है। मिल प्रबंधन का कहना है कि, गन्ना तस्करों के कारण किन्यारा चीनी मिल को सालाना लगभग Shs22 बिलियन (Shs22 billion) का नुकसान हो रहा है। गन्ने की कमी ने न केवल मिल के चीनी उत्पादन बल्कि इसकी बिजली उत्पादन क्षमता को भी प्रभावित किया है। किन्यारा वर्तमान में गन्ने की कमी से जूझ रहा है, जिससे इसकी दैनिक पेराई क्षमता 10,000 मीट्रिक टन से काफी कम होकर 5,000 से 6,000 मीट्रिक टन रह गई है।
किन्यारा शुगर के उप कृषि प्रबंधक सैम रुगांबवा के अनुसार, मिल के अपने गन्ने के खेत और निजी उत्पादकों के खेत दोनों तस्करों के लक्ष्य बन गए है, जो निजी मिलों और गुड़ उत्पादन के लिए गन्ना चोरी करना चाहते है। रुगांबवा ने दावा किया कि, इसमें प्रतिस्पर्धी मिल मालिकों, गुड़ उत्पादकों और चीनी मिलों के ज्यादातर ड्राइवर शामिल है। उन्होंने कहा, इन ड्राइवरों पर लोडेड गन्ने को अनधिकृत गंतव्यों तक ले जाने के बदले में रिश्वत लेने का आरोप है, जिससे मिल की गन्ना आपूर्ति श्रृंखला बाधित हो रही है। उन्होंने कहा कि, 2017 के बाद से 2,000 हेक्टेयर गन्ने की भारी क्षति हुई है, जो पूरे महीने की मिलिंग के बराबर है और इससे लगभग Shs22 बिलियन का वार्षिक वित्तीय झटका लगा है।