केन्या: चीनी मिलर्स और गन्ना उत्पादकों ने चीनी की कृत्रिम कमी पैदा करने के खिलाफ आवाज़ उठाई है। उनका आरोप है कि चीनी की मौजूदा कमी दर्शा के चीनी के भावों में उछाल दिखयी जा रही है जिसका मकसद देश में चीनी की कीमत को स्थिर करने के लिए आयात पर दबाव बनाना हैं।
चीनी निदेशालय के प्रमुख सोलोमन ओडेरा के दावे की चीनी की कीमतों में 2 किलो के पैक के लिए Sh30 की वृद्धि हुई है को खारिज करते हुए मिलरों ने कहा कि यह उच्चित नहीं है क्यूंकि चीनी की कीमतों में गिरावट आई है। वेस्ट केन्या शुगर कंपनी के प्रबंध निदेशक तेजवीर राय ने कहा कि केन्या के लोगों के लिए यह गलत और भ्रामक प्रचार है। उन्होंने कहा कि केन्या नेशनल ब्यूरो ऑफ स्टेटिस्टिक्स के अनुसार, दिसंबर 2018 और दिसंबर 2019 के बीच चीनी की कीमत में 13 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।
राय ने एक बयान में कहा कि जनवरी 2020 में गत 20 दिनों में चीनी की कीमतों में लगभग आठ प्रतिशत की कमी आई है। उन्होंने कहा कि साल की शुरुआत में, 50 किग्रा बैग, Sh4,442 पर एक्स-फैक्ट्री दर पर बेच रहा था और 21 जनवरी, 2020 तक कीमत घटकर Sh4,100 हो गई थी। राय ने कहा कि चीनी की कीमतों में कथित वृद्धि कृत्रिम कमी पैदा करने के इरादे से है ताकि चीनी का आयात बढ़ाया जा सके।
उन्होंने आगाह किया कि आयात का असर किसानों पर पड़ा है और यह किसानों को बुरी तरह प्रभावित करेगा क्योंकि गन्ने का मूल्य एक्स-फैक्टरी के मूल्य से जुड़ा हुआ है। ट्रांसमारा शुगर कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजेश भार्गव ने इसपर चिंता जताते हुए कहा कि चीनी आयात करना देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण होगा।
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