केन्या: चीनी मिलों के विलय योजना का विरोध

नैरोबी : न्यांडो चीनी क्षेत्र के गन्ना किसानों ने किसुमू में स्थित राज्य के स्वामित्व वाली मिलों के विलय के प्रस्ताव का विरोध किया है। सरकार ने चीनी उद्योग क्षेत्र सुधारों के तहत केमेलिल ( Chemelil) और मुहोरोनी (Muhoroni) चीनी कंपनियों के विलय का प्रस्ताव रखा है। किसानों का नेतृत्व करने वाले मुहोरोनी सांसद ओनयांगो कोयू के अनुसार, विलय से मिलों के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान नहीं होगा, बल्कि उनकी और दुर्दशा हो जाएगी। सांसद कोयू ने कहा, हमने दोनों मिलों के विलय करने की किसी भी योजना को स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया है।

उन्होंने मंगलवार को किसुमू में मुहोरोनी गन्ना हितधारकों की बैठक के दौरान कहा कि, मिलों की मशीनें जर्जर हो गई हैं और इससे उत्पादन प्रभावित हुआ है। उन्होंने कहा, सरकार को विलय के पीछे छिपने के बजाय तीनों मिलों के लिए नई मशीनें खरीदने की जरूरत है। किसुमु में केमेलिल, मुहोरोनी और मिवानी ये तीन मिलें है। कोयू ने कहा कि, केमेलिल और मुहोरोनी का विलय न केवल प्रबंधन को जटिल बना देगा, बल्कि उनके साथ दुर्व्यवहार और भ्रष्टाचार को भी उजागर करेगा। उन्होंने कहा कि, अगर विलय मॉडल अपनाया गया तो पूरा चीनी उद्योग खत्म हो जाएगा। हालाँकि, किसानों ने रणनीतिक निवेशकों को मिलों को लीज पर देने का समर्थन इस शर्त पर किया कि सरकार सभी ऋण माफ कर देगी और किसानों का बकाया चुका देगी।

कोयू ने कहा कि, अगर सरकार इस क्षेत्र में सुधार लाने की इच्छुक है तो किसानों के प्रस्तावों पर विचार किया जाना चाहिए। केन्या नेशनल फेडरेशन ऑफ शुगरकेन फार्मर्स-मुहोरोनी शाखा सचिव नूह ओपियो ने प्रवर्तन में ढिलाई के लिए सरकार को दोषी ठहराया। उन्होंने कहा कि, कई मिलें उन्हें चलाने के लिए पर्याप्त गन्ने के बिना स्थापित किए गए हैं।केन्या गन्ना उत्पादक संघ के महासचिव रिचर्ड ओगेन्डो ने कहा कि, वे सार्वजनिक मिलों के विलय के किसी भी प्रयास को अस्वीकार कर देंगे।

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