कोट्टायम (केरल): मातृभूमि में प्रकाशित खबर के मुताबिक, Supplyco (Kerala State Civil Supplies Corporation) को चीनी आपूर्ति की कमी का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि चीनी प्रदान करने वाली एजेंसियों ने नागरिक आपूर्ति निगम के साथ अपना कारोबार अस्थायी रूप से रोक दिया है। लंबित भुगतानों को निपटाने में लंबी देरी ने एजेंसियों को या तो Supplyco की निविदा प्रक्रियाओं से बाहर रहने के लिए मजबूर कर दिया है या फिर वे अपने उत्पादों के लिए ऊंची कीमतें उद्धृत कर रही है।
मुश्किलों के बीच अब खाद्य आपूर्ति निगम ने खाद्य और वित्त दोनों विभागों को पत्र लिखकर राज्य में खाद्य वस्तुओं का वितरण जारी रखने के लिए 200 करोड़ रुपये की मांग की है। सरकार को Supplyco को कुल 600 करोड़ रुपये का भुगतान करना है। Supplyco को चीनी सप्लाई करने वाली एजेंसियों को 40 करोड़ रुपये का भुगतान करना है, जो चीनी महाराष्ट्र और कर्नाटक से आती है। एजेंसियों ने Supplyco अधिकारियों को पत्र लिखकर पैसे की मांग की है क्योंकि जून से भुगतान लंबित है।
इसके अलावा, Supplyco पर चावल आपूर्तिकर्ताओं का 50 करोड़ रुपये और बकाया है। हालिया निविदाओं में एजेंसियों ने चावल की ऊंची कीमत 43 रुपये प्रति किलोग्राम बताई है। बता दें कि, Supplyco को यह चावल 25 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर बेचना होगा। कंपनियां बाजार में निजी व्यापारियों को अपेक्षाकृत कम कीमत पर चावल उपलब्ध करा रही है। 31 अक्टूबर को नई निविदाएं आमंत्रित की जाएंगी।