नैरोबी: केन्या के कैबिनेट शिक्षा मंत्री जॉर्ज मगोहा ने चेमिलिल स्थित किबोस चीनी मिल को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर इस मिल ने किबोस स्कूल फॉर द ब्लाइंड को किसी दूसरी जगह पर रिलोकेट नहीं किया तो वे मिल को बंद करा देंगे।
गौरतलब है कि किबोस शुगर मिल और किबोस स्कूल फॉर द ब्लाइंड एक दूसरे से सटे हुए हैं तथा केवल एक सड़क ही दोनों को अलग करती है। प्रो. मगोहा ने शनिवार को चेमिलिल में कहा कि इलाक़े में ध्वनि प्रदूषण के लिए किबोस शुगर कंपनी जिम्मेदार है जिससे इस स्पेशल स्कूल में सीखना-सिखाना असंभव हो गया है। चीनी मिल पर जल, ध्वनि और वायु प्रदूषण फैलाने के आरोप हैं। कैबिनेट मंत्री ने क्षेत्र के सांसद ओन्यांगो कोयू को विशेष स्कूल को रिलोकेट करने योग्य जमीन के लिए काउंटी सरकार से संपर्क करने का निर्देश देते हुए कहा कि बच्चों को प्रदूषण से बचाने के लिए इस काम को जल्द से जल्द किया जाना चाहिए। ऐसा नहीं किया तो मिल को बंद कराने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि स्कूल को रिलोकेट करने का मतलब है कि किसुमू में नये स्कूल के निर्माण का पूरा खर्च चीनी मिल को उठाना होगा।
पिछले महीने ही नेशनल असेंबली की शिक्षा समिति ने मिल का दौरा करने के बाद इसे प्रदूषण की शिकायतें दूर करने को कहा था, जिसके बाद कथित रूप से प्रबंधन ने मिल को किसी अन्य जगह में स्थानांतरित करने की धमकी दी थी। उधर, किसुमू के गवर्नर अन्यांग न्योओंगो ने कहा कि इस मिल में करीब 2,000 लोग काम करते हैं तथा कई व्यापारी भी अपनी आपूर्ति के लिए इस मिल पर निर्भर हैं। इसे बंद होने नहीं देंगे।
बता दें कि इस मिल के खिलाफ कई केस किसुमू की अदालतों में लंबित हैं। किबोस नदी के तट पर 2007 में स्थापित किबोस शुगर मिल के आसपास किबोस जेल और किबोस प्राइमरी स्कूल भी स्थित हैं। मिल पर पहले भी आसपास के इलाकों और किबोस नदी में बड़े पैमाने पर जल और वायु प्रदूषण फैलाने के आरोप लगे हैं। किबोस स्कूल फॉर द ब्लाइंड, किबोस जेल और किबोस प्राइमरी स्कूल इससे सबसे ज्यादा प्रभावित बताये जाते हैं। निवासियों का कहना है कि मिल जल और ध्वनि प्रदूषण करने के अलावा हवा में धूल भी छोड़ता है। कंपनी ने आरोपों से इनकार किया था, जिसके बाद चेमिलिल निवासी मिल को बंद कराने के लिए कोर्ट की शरण में गए हैं।
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