नई दिल्ली: गन्ने की खराब रिकवरी, आर्थिक तंगी और कई अन्य कारणों से देश में 250 चीनी मिलें बंद पड़ी है। बंद पड़ी 250 चीनी मिलों में से आठ मिलें पंजाब से हैं। इनमें फरीदकोट, तरनतारन, जीरा, बुढलाडा, मलौत, जगराओं और रखड़ा में सात सहकारी चीनी मिलें और पटरण में एक निजी मिल शामिल हैं।
टाइम्स ऑफ़ इंडिया में प्रकाशित खबर के मुताबिक, ग्रामीण विकास और उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने संसद के मानसून सत्र के दौरान यह जानकारी साझा करते हुए कहा कि, वर्तमान में देश में 756 चीनी मिलें हैं, जिनमें से 250 मिलें बंद पड़ी हैं। सबसे अधिक 66 चीनी मिलें महाराष्ट्र में है, इसके बाद उत्तर प्रदेश में 38, कर्नाटक में 22, बिहार और तमिलनाडु में 18-18, गुजरात में 14 और हरियाणा में दो चीनी मिलें बंद पड़ी हैं। इसके अलावा, अन्य राज्यों में 64 चीनी मिलें गैर-परिचालन में हैं। मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा की, पर्याप्त गन्ने की अनुपलब्धता, आधुनिकीकरण की कमी, कार्यशील पूंजी की उच्च लागत, गन्ने से खराब रिकवरी, पेशेवर प्रबंधन की कमी, अत्यधिक स्टाफिंग, वित्तीय संकट और पर्याप्त सिंचाई की कमी के कारण मिलें बंद है।
व्हाट्सप्प पर चीनीमंडी के अपडेट्स प्राप्त करने के लिए, कृपया नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें.
WhatsApp Group Link