कोल्हापुर: स्वाभिमानी शेतकरी संगठन ने पिछले साल के टूटे हुए गन्ने के लिए 200 रुपये की दूसरी किस्त और चालू वर्ष के टूटे हुए गन्ने के लिए 3700 रुपये की पहली किस्त का भुगतान करने की मांग की है। इस संबंध में स्वाभिमानी शेतकरी संगठन की ओर से कलेक्टर अमोल येडगे से चीनी मिलर्स और किसान संगठनों की तत्काल बैठक बुलाने की मांग की गई। जिलाधिकारी येडगे को दिए ज्ञापन में कहा गया है कि, पिछले 5 वर्षों में केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों के कारण किसानों को काफी नुकसान हुआ है। सोयाबीन, कपास, अरहर, दूध, चीनी, दालें आदि की कीमतें गिरने से किसानों को भारी वित्तीय नुकसान हो रहा है। किसानों को अपनी कृषि उपज उत्पादन लागत से कम कीमत पर बेचनी पड़ रही है। रासायनिक खाद की कीमत में बेतहाशा वृद्धि हुई है।कीटनाशकों और शाकनाशियों की कीमत में भारी वृद्धि हुई है।
ज्ञापन में आगे कहा है कि, सरकार गारंटीशुदा कीमत की घोषणा करती है, लेकिन गारंटी मूल्य कानून नहीं होने के कारण किसानों को गारंटी मूल्य से कम कीमत पर कृषि उपज बेचनी पड़ती है। नतीजा ये हुआ कि पिछले 5 साल में किसानों का कर्ज दोगुना हो गया है।राज्य सरकार को आगामी बजट सत्र में अपना वादा निभाते हुए किसानों का संपूर्ण कर्जा माफ़ करना चाहिए। इस अवसर पर स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के जिला अध्यक्ष अजित पोवार, स्वाभिमानी पार्टी के जिला अध्यक्ष धनाजी पाटिल, जिला उपाध्यक्ष राजाराम देसाई, जिला कार्यकारी अध्यक्ष बालासाहेब पाटिल, विक्रम पाटिल, सचिन शिंदे, कोल्हापुर शहर अध्यक्ष संदीप चौगुले आदि उपस्थित थे।
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