कोल्हापुर: प्रवासी गन्ना मजदूरों को खेतों में जाकर लगाया जा रहा है टिका…

कोल्हापुर : जिले में पेराई मौसम के चलते गन्ने के खेतों में चहल-पहल हैं। मराठवाड़ा क्षेत्र के हजारो गन्ना मजदूर जिले में आये है। इससे स्वास्थ्य अधिकारी चिंतित हैं क्योंकि मजदूरों में से कई को अब तक कोविड का पहला टीका भी नहीं लगाया है। पिछले कुछ दिनों से डॉक्टरों, नर्सों और आशा की टीम द्वारा जिले के सभी गांवों में गन्ने के खेतों में मजदूरों का टीकाकरण कराया जा रहा है। वास्तव में, कोल्हापुर राज्य का एकमात्र गन्ना उत्पादक जिला है, जहां एक लाख से अधिक प्रवासी मजदूर हैं, जिनमें गन्ना काटने वाले, उनके बच्चे और परिवार के बुजुर्ग सदस्य शामिल हैं, जो पेराई मौसम के दौरान जिले में आते हैं और चार महीने से अधिक समय तक यहां रहते हैं।

टाइम्स ऑफ़ इंडिया में प्रकाशित खबर के मुताबिक, हूपरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की चिकित्सा अधिकारी प्राजक्ता जाधव का कहना है कि, ये गन्ना मजदूर और उनके परिवार स्थानीय निवासियों, विशेषकर किसानों और विक्रेताओं के संपर्क में आते हैं, जिनसे उन्हें अपना राशन मिलता है। खेतों में 12-15 घंटे काम करने के बाद कई पुरुष स्थानीय देशी शराब की दुकानों पर भी जाते हैं। जाधव अपनी टीम के साथ कटाई मजदूरों का टीकाकरण करने के लिए गांव-गांव जा रहा हैं।

जाधव ने कहा की, सुबह के समय, महिला कटर अपना भोजन तैयार करती हैं और अपने पति के साथ खेतों में जाने से पहले बच्चों की देखभाल करती हैं। वे ज्यादातर शाम के बाद घर लौटते हैं। हमारे स्वास्थ्य कर्मचारी कभी-कभी महिलाओं को टीका लगाने के लिए उनके झोपड़ियों में जाते हैं लेकिन तब तक पुरुष आमतौर पर नशे में होते हैं। इसलिए हम कोशिश करते हैं कि खेतों में ही उनका टीकाकरण हो जाए। उनके मुकादम (ठेकेदार) हमें उनका पता लगाने में मदद करते हैं।

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