कोल्हापुर: आबकारी विभाग ने चीनी मिल का डिस्टिलरी लाइसेंस रद्द कर दिया

कोल्हापुर: महाराष्ट्र राज्य आबकारी विभाग ने कोल्हापुर जिले के कागल तहसील के बिद्री स्थित श्री दूधगंगा वेदगंगा सहकारी चीनी मिल लिमिटेड का लाइसेंस रद्द कर दिया है।

द टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित के मुताबिक, आबकारी विभाग द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि, आबकारी अधिकारियों को निर्धारित सीमा से अधिक मोलासिस का स्टॉक मिला। इसके अलावा, बिना बिके स्पिरिट (99% अल्कोहल) का स्टॉक भी मिला। दोनों की कुल लागत करीब 12 करोड़ रुपये है। पाटिल ने संवाददाताओं से कहा कि, यह राजनीतिक प्रतिशोध है। उन्होंने कहा कि, सत्तारूढ़ दल नहीं चाहता कि वे ‘एमवीए’ में शामिल हों। पाटिल ने कहा, मुझे संदेह है कि अचानक फैक्ट्री का निरीक्षण शिवसेना उम्मीदवार की लोकसभा चुनाव में हार, कांग्रेस उम्मीदवार का उस गांव में भव्य स्वागत, जहां मैं मौजूद था और सबसे महत्वपूर्ण बात, शिवसेना के मौजूदा विधायक की हार की संभावना के कारण किया गया है। विधायक आबिटकर को विधानसभा चुनाव में हार का डर है।

कार्रवाई से हमारा कोई लेना-देना नहीं: विधायक आबिटकर

विधायक प्रकाश आबिटकर ने कहा की, श्री दूधगंगा-वेदगंगा सहकारी चीनी मिल पर आबकारी विभाग द्वारा की गई कार्रवाई से हमारा कोई लेना-देना नहीं है। के.पी.पाटिल के आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है। यह चीनी मिल हमारी मातृ संस्था है।चीनी मिल को बदनाम करना हमारी संस्कृति नहीं है।इस चीनी मिल से हमारा भावनात्मक रिश्ता है। मैं ईमानदारी से निर्वाचन क्षेत्र के विकास के लिए प्रयास कर रहा हूं।

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