लखीमपुर खीरी, उत्तर प्रदेश : अमर उजाला में प्रकाशित खबर के मुताबिक, जनपद में गन्ने की फसल में पायरिला नामक कीट का हमला देखने को मिला है। यह कीट गन्ने के सिरों पर हमला कर उसकी पत्तियों और तनों को नुकसान पहुंचा रहा है। नाजुक पत्तियां खाकर गन्ने की बढ़त रोक देता है। शासन ने इसको लेकर अलर्ट जारी किया है, ताकि फैलाव न हो सके। इधर, विभागीय अफसरों के साथ ही चीनी मिलों ने इसके रोकथाम के प्रयास शुरू कर दिए हैं।
पायरिला कीट गन्ने की फसल पर हमला करने वाला एक खतरनाक कीट है, जो गन्ने के ऊपरी हिस्से को नष्ट करता है। यह कीट गन्ने के नए बढ़ते हिस्सों को खाता है। इसके कारण गन्ने की फसल कमजोर हो जाती है। पायरिला कीट गन्ने के सिरों पर हमला करता है और पत्तियों और तनों को नुकसान पहुंचाता है। यह कीट मुख्य रूप से गन्ने की नाजुक पत्तियों पर अंडे देता है। इसके लार्वा इन पत्तियों को खाकर गन्ने की बढ़त रोक देते हैं।
अमर उजाला में प्रकाशित खबर के अनुसार, उत्तर प्रदेश गन्ना शोध संस्थान शाहजहांपुर के प्रसार अधिकारी डॉ. संजीव पाठक ने बताया कि समय से पहले गर्मी पड़ने की वजह से गन्ने की फसल में यह समस्या आई है। अगर किसी खेत में परजीवी नहीं हैं और पायरिला कीट का प्रकोप अधिक है तो क्लोरपायरीफॉस 20 ईसी की 800 मिली कीटनाशक अथवा प्रोफेनोफॉस 40 प्रतिशत प्लस साइपर 4 प्रतिशत की 750 मिली कीटनाशक अथवा क्वीनालफॉॉस 25 ईसी 800 मिली कीटनाशक को 625 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव कर कीट को नियंत्रित कर सकते हैं। खेत में मनी बनाए रखें।