नई दिल्ली: स्प्रे इंजीनियरिंग डिवाइसेज लिमिटेड (Spray Engineering Devices Ltd) कंपनी ने भारत में बगास से एथेनॉल परियोजना स्थापित करने के लिएत लांजाटेक (LanzaTech) के साथ साझेदारी की है। भारत सरकार कृषि अवशेषों से एथेनॉल के उत्पादन को प्रोत्साहित कर रही है। कृषि अवशेषों को खेतों में जलाया जाता है और हानिकारक प्रदूषण पैदा करते लेकिन सरकार इसे रोकने के लिए एथेनॉल उत्पादन पर ध्यान केंद्रित कर रही है। एथेनॉल में रूपांतरण न केवल स्थानीय किसानों के लिए आय का एक नया स्रोत बनाता है, यह सरकार के जैव ईंधन रोडमैप के अनुरूप है।
आपको बता दे, भारत ने 2025 तक पेट्रोल में 20% इथेनॉल मिश्रण करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है। इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के मुताबिक, भारत 2025 तक 20% एथेनॉल मिश्रण हासिल करने की राह पर है। देश मौजूदा 8.2 प्रतिशत से 2025 तक 20% प्रतिशत एथेनॉल उत्पादन करने में कामयाब हो सकता है।
Ethanolproducer.com में प्रकाशित खबर के मुताबिक, लैंजाटेक के सीईओ जेनिफर होल्मग्रेन ने कहा, “परियोजनाएं जो वेस्ट और अवशेषों जैसे वितरित फीडस्टॉक स्रोतों का लाभ उठा सकती हैं, वे भविष्य हैं। हम अपनी ऊर्जा प्रणालियों को बड़े रिफाइनरी पैमाने पर केंद्रीकृत प्रणालियों पर मॉडल नहीं कर सकते हैं, जब हमारे पास देश भर में प्रचुर मात्रा में अपशिष्ट संसाधन वितरित किए जाते हैं। हमें SED के साथ काम करने और दुनिया को यह दिखाने में खुशी हो रही है कि कैसे वितरित प्रणालियां ईंधन और रसायनों के उत्पादन के भविष्य का हिस्सा हैं।”