लखनऊ: भारत में टिड्डियों का खतरा अभी भी बरकरार है। फिलहाल देश में टिड्डयों से गंभीर क्षति नहीं हुई है लेकिन किसान अभी भी इसको लेकर चिंतित है। टिड्डी दल भारत के कई राज्यों में घुस चुकी है। खैर प्रसाशन का कहना है की वे टिड्डियों का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
उत्तर प्रदेश के लखनऊ, बाराबंकी जिलों मे रविवार को टिड्डीयों के झुंड ने दस्तक दी है। टिड्डीयों को भगाने के लिए किसान थालियों को पीट रहे हैं और एलसीओ अग्निशामकों के साथ कीटनाशकों का छिड़काव कर रहे हैं। अन्य झुंड शनिवार को हरियाणा के झज्जर, भिवानी और सिरसा, चरखी, दादरी जिलों में देखे गए। एक और झुंड ने राजस्थान में प्रवेश किया है। टीडियों का आतंक सिर्फ कुछ ही राज्य तक सीमित नहीं है, यह कई राज्यों में मौजूद है।
टिड्डी सर्कल कार्यालयों (एलसीओ) द्वारा 11 अप्रैल, 2020 से 6 जुलाई, 2020 तक राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब, गुजरात, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में 1,43,422 हेक्टेयर क्षेत्र में नियंत्रण अभियान चलाया जा चुका है। राज्य सरकारों ने भी राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब, गुजरात, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, हरियाणा और बिहार राज्यों में 6 जुलाई, 2020 तक 1,32,465 हेक्टेयर क्षेत्र में नियंत्रण अभियान चलाया। टिड्डी रोधी अभियानों के लिए हवाई छिड़काव क्षमता मजबूत बनाई गई है।
एफएओ द्वारा दक्षिण पश्चिम एशियाई देशों (अफगानिस्तान, भारत, ईरान और पाकिस्तान) के तकनीक अधिकारियों की आभासी बैठकें साप्ताहिक आधार आयोजित की जा रही हैं। दक्षिण पश्चिमी एशियाई देशों के तकनीक अधिकारियों की अभी तक लगभग 15 आभासी बैठक हो चुकी हैं।
हालांकि, अभी तक भारत में क्षति कम हुई है, लेकिन जानकारों की माने तो अगले 3 से 4 सप्ताह टिड्डियों को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण रहेंगे।
टिड्डी दल का आतंक अभी भी जारी यह न्यूज़ सुनने के लिए प्ले बटन को दबाये.