लोकसभा ने एथेनॉल, हरित हाइड्रोजन और बायोमास के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए विधेयक पारित किया

नई दिल्ली : लोकसभा ने सोमवार को ऊर्जा संरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2022 पारित किया, जिसके तहत ऊर्जा और फीडस्टॉक के लिए ग्रीन हाइड्रोजन, ग्रीन अमोनिया, बायोमास और एथेनॉल सहित गैर-जीवाश्म स्रोतों के उपयोग को अनिवार्य किया गया है। केंद्रीय विद्युत एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने कहा कि,बढती ऊर्जा जरूरतों और बदलते वैश्विक जलवायु परि­श्य के मद्देनज़र ऊर्जा संरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2022 लाया गया है,जिससे पर्यावरण को लाभ होगा और ऊर्जा के क्षेत्र में देश आत्मनिर्भर बनेगा। उन्होंने कहा कि,पिछले एक दशक में दुनिया में ऊर्जा के क्षेत्र में काफी बदलाव आए हैं। जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण के बढèते से दुनिया परिचित है और इस जलवायु परिवर्तन का मुख्य कारण कार्बन उत्सर्जन है।यह विधेयक पारित होने से एथेनॉल, हरित हाइड्रोजन और बायोमास के उपयोग को बढ़ावा मिलेगा।

विधेयक के उद्देश्यों और कारणों में कहा गया है कि कार्बन ट्रेडिंग जैसी नई अवधारणाओं को पेश करने और भारतीय अर्थव्यवस्था के तेजी से डी कार्बोनाइजेशन को सुनिश्चित करने के लिए गैर-जीवाश्म स्रोतों के उपयोग को अनिवार्य बनाने और सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करने की भी आवश्यकता है।अब जीवाश्म ईंधन आधारित ऊर्जा की खपत को कम करने और वातावरण में कार्बन उत्सर्जन को कम करने में मदद मिलेगी। ऊर्जा संरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2022 “ऊर्जा और फीडस्टॉक के लिए ग्रीन हाइड्रोजन, ग्रीन अमोनिया, बायोमास और इथेनॉल सहित गैर-जीवाश्म स्रोतों के उपयोग को अनिवार्य करना चाहता है।आपको बता दे की, भारत ने वर्ष 2070 तक कार्बन उत्सर्जन को शून्य करने का लक्ष्य निर्धारित किया और उस दिशा में तेज़ी से काम किए जा रहे हैं।

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