मुंबई: क्रिसिल रेटिंग्स के मुताबिक, केंद्र सरकार द्वारा मेडिकल ऑक्सीजन के औद्योगिक इस्तेमाल पर रोक लगाने के कारण मेटल फॅब्रीकेशन, ऑटोमोटिव कंपोनेंट्स, शिप-ब्रेकिंग, पेपर और इंजीनियरिंग सेक्टर्स अस्थायी रूप से प्रभावित होने की संभावना है।
कोरोना महामारी के फैलाव के चलते मेडिकल ऑक्सीजन की मांग अप्रैल के दूसरे सप्ताह में पांच गुना बढ़ने का अनुमान है। क्रिसिल ने कहा कि, मेडिकल ऑक्सीजन की अधिक आपूर्ति से लोगों की जान बच जाएगी, लेकिन कुछ औद्योगिक क्षेत्रों पर इसका असर पड़ेगा। क्रिसिल रेटिंग्स के निदेशक गौतम शाही ने कहा, औद्योगिक उपयोग के लिए ऑक्सीजन की आपूर्ति में व्यवधान से धातु निर्माण, मोटर वाहन घटकों, शिपब्रेकिंग, पेपर और इंजीनियरिंग में छोटी और मध्यम आकार की कंपनियों के राजस्व को अस्थायी रूप से प्रभावित करेगा। इनमें आमतौर पर कैप्टिव ऑक्सीजन प्लांट नहीं होते हैं और वेल्डिंग, कटाई, सफाई और रासायनिक प्रक्रियाओं जैसे संचालन के लिए व्यापारी आपूर्तिकर्ताओं के माध्यम से अपनी आवश्यकता पूरी करते है।
क्रिसिल रेटिंग्स के एसोसिएट डायरेक्टर सुशांत सरोदे ने कहा, हम मानते हैं कि औद्योगिक उपयोग के लिए ऑक्सीजन की आपूर्ति में व्यवधान छह से आठ सप्ताह तक रहेगा।जिसके चलते हम उनके राजस्व में गिरावट की उम्मीद करते हैं। इसका सबसे जादा असर महाराष्ट्र, नई दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात की कंपनियों को होगा, जहां मेडिकल ऑक्सीजन की मांग कई गुना बढ़ गई है।