अगर अपने गांव लौट चुके मजदूर वापस नहीं आते तो भविष्य में महाराष्ट्र में हो सकती है मजदूरों की कमी

मुंबई: कोरोना के कारण कई मजदूर अपने गांव लौट चुके है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, महाराष्ट्र और विशेष रूप से मुंबई, पुणे, नासिक और नागपुर जैसे बड़े शहरों में अनुमानित 15 लाख मजदूरों की कमी हो सकती है, जो कोरोनो वायरस के डर से उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और मध्य प्रदेश जैसे अपने गृह राज्यों के लिए रवाना हुए हैं।

टाइम्स ऑफ़ इंडिया में प्रकाशित खबर के मुताबिक, कोरोनो वायरस के कारण यह मजदूर निकट भविष्य में वापस लौटने की संभावना काफी कम है। केंद्र सरकार ने मार्च के अंतिम सप्ताह में लॉकडाउन की घोषणा के बाद से फंसे प्रवासियों, छात्रों, तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के अंतरराज्यीय आवाजाही की अनुमति दी है। यह अनुमान लगाया जा रहा है कि, अभी तक 15 लाख मजदूर महाराष्ट्र से अपने गृह राज्यों के लिए पहले ही निकल चुके हैं और आने वाले हफ्तों में और मजदूर अपने गावों को लौट जायेंगे।

पूर्व सांसद संजय निरुपम और पूर्व मंत्री कृपाशंकर सिंह ने कहा कि, कोरोनोवायरस महामारी के डर से प्रवासियों के वापस लौटने की संभावना नहीं है। वे अपने गृह राज्यों में रोज़गार गारंटी योजना या बुवाई के मौसम के दौरान मजदूरी प्राप्त कर सकते हैं। अगर वे वापस नहीं आते हैं, तो मुंबई, पुणे, रायगढ़ और नासिक कुछ उद्योगों को गंभीर स्थिति का सामना करना पड़ सकता है।

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