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मुंबई: चीनी मंडी
महाराष्ट्र में मिलें चीनी का अत्याधिक उत्पादन, अधिशेष स्टॉक और बकाया भुगतान के कारण संकट में हैं। इससे निपटने के लिए, सरकार राज्य कुल गन्ने के 25 प्रतिशत उत्पादन को इथेनॉल में बदलने पर नीति तैयार करने पर गंभीरता से विचार कर रही है। महाराष्ट्र के चीनी आयुक्त शेखर गायकवाड़ ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को राज्य में गन्ने के रस से इथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा देने में मदद का प्रस्ताव पेश किया है और सरकार से सहायता मांगी है। राज्य के चीनी आयुक्त ने महाराष्ट्र के सहकारिता मंत्री सुभाष देशमुख के साथ फडणवीस से मुलाकात की।
पिछले कुछ सत्रों में देश में चीनी का उत्पादन 320 लाख टन से अधिक हो गया है। देश में घरेलू खपत करीब 260 लाख टन है। 2017-18 और 2018-19 में कैरीओवर स्टॉक 120 लाख टन तक के रेंज में है। मिलर्स ऐसे माहौल में चीनी बेचने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। कुछ महीनों पहले केंद्र द्वारा जारी एक निर्देश के बाद चीनी का न्यूनतम बिक्री मूल्य (एमएसपी) 3,100 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्ची चीनी की कीमतें 1,900 रुपये प्रति क्विंटल है। मिलर्स का 85 प्रतिशत से अधिक राजस्व चीनी उत्पादन से आता है जबकि उप-उत्पादों में 15-20 प्रतिशत कमाई होती है। गन्ने की पैदावार में बढ़ोतरी, चीनी की रिकवरी में सुधार और आधुनिक तकनीक के कारण अधिक उत्पादन हुआ है जिसके कारण मिलर्स को नुकसान ही हो रहा है।