पुणे : इस साल गन्ना सीजन के दौरान राज्य की 207 चीनी मिलों ने जनवरी के अंत तक 726.53 लाख टन गन्ने की पेराई की है, और कुल 94 मिलों ने गन्ना एफआरपी का शत प्रतिशत भुगतान कर दिया है। राज्य की सभी मिलों ने 91.45 फीसदी एफआरपी का भुगतान कर दिया है। हालाँकि, मौजूदा सीजन देर से शुरू हुआ है, लेकिन मजदूरों की कमी के कारण सीज़न के लंबे समय तक चलने की संभावना है। बाजार में चीनी कीमत में गिरावट का वित्तीय असर मिलों पर भी पड़ने की संभावना है।
जनवरी के अंत तक गन्ने की एफआरपी राशि 17,633 करोड़ रुपये है। इसमें से 16 हजार 126 करोड़ रुपये किसानों को मिल चुके है।किसानों अब भी एक हजार 507 करोड़ रुपये मिलना बाकी है। राज्य की 49 मिलों ने 80 से 99 फीसदी तक एफआरपी दी है, जबकि 33 फैक्ट्रियों ने 60 से 79 प्रतिशत एफआरपी का भुगतान किया है। 30 फैक्ट्रियों ने 0 से 59 फीसदी तक एफआरपी दी है। इस बीच, कुछ मिलों में कर्मचारियों का दो से 11 महीने का वेतन भी बकाया है।वेतन बकाया के चलते मिलों के कर्मचारी आर्थिक मुश्किल का सामना कर रहे है।