पुणे: महाराष्ट्र में पेराई सीजन अब अंतिम चरण में पहुंच चुका है, लेकिन अब भी राज्य की 134 चीनी मिलें शत प्रतिशत एफआरपी भुगतान करने में विफल साबित हुई है। राज्य की 207 में से सिर्फ 73 चीनी मिलों ने ही किसानों को एफआरपी की पूरी राशि का भुगतान किया है। फरवरी माह के अंत तक प्रदेश में 2,658 करोड़ रुपये का एफआरपी बकाया था। 67 मिलों ने 80 से 99 प्रतिशत, 39 मिलों ने 60 से 79 प्रतिशत और 28 चीनी मिलों ने 59 प्रतिशत एफआरपी का भुगतान किया है। राज्य में फरवरी अंत तक 876 लाख टन गन्ने की पेराई हो चुकी थी। फरवरी के अंत में गन्ने की कुल एफआरपी राशि 27,443 करोड़ रुपये थी। इसमें से 25 हजार 399 करोड़ रुपये किसानों को दिए जा चुके हैं।
प्रदेश में इस साल मिलें तय समय से करीब एक महीने पहले बंद हो रही है। कई फैक्ट्रियों ने अपना चीनी उत्पादन 10 से 15 प्रतिशत तक कम कर दिया। इससे मिलों का वित्तीय संतुलन प्रभावित हुआ। सूत्रों के अनुसार, इस वजह से यह एफआरपी देने में देरी हो रही है। पश्चिमी महाराष्ट्र में कई चीनी मिलें बंद होने के कगार पर है, लेकिन कई मिलों द्वारा बकाया भुगतान बाकी है। कोल्हापुर, सांगली, पुणे और नगर में 100 प्रतिशत और 80 से 99 प्रतिशत एफआरपी राशि का भुगतान करने वाले मिलों की संख्या अधिक है।