महाराष्ट्र : राज्य में 40 चीनी मिलों ने किया पेराई कार्य बंद

औरंगाबाद: महाराष्ट्र में इस सीजन में गन्ना और चीनी का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है, जिसने अपने प्रतिस्पर्धी उत्तर प्रदेश को भी चीनी उत्पादन में पीछें छोड़ दिया है और देश में चीनी का सबसे बड़ा उत्पादक बन गया है। 2021-22 के मौजूदा सीजन के दौरान महाराष्ट्र सबसे अधिक गन्ने की पेराई कर रहा है और अब तक की सबसे अधिक मात्रा में चीनी का उत्पादन कर रहा है। अब तक, महाराष्ट्र ने 1194.75 लीटर गन्ने की पेराई की है और 124.75 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है। राज्य में 40 चीनी मिलों ने किया पेराई कार्य बंद किया है। राज्य में लगभग 90 लाख टन गन्ने की पेराई अभी बाकी है।

उत्तर प्रदेश अब तक 913 लाख टन गन्ने की पेराई कर 92.33 लाख टन चीनी का उत्पादन कर चुका है। यह लगातार दूसरा सीजन होगा जब महाराष्ट्र ने उत्तर प्रदेश से ज्यादा चीनी का उत्पादन किया है। पिछले सीजन में, महाराष्ट्र ने 995.05 लाख टन गन्ने की पेराई करके 100.50 लाख टन चीनी का उत्पादन किया था, जबकि उत्तर प्रदेश ने 901.44 लाख टन गन्ने की पेराई करके 93.75 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है।

महाराष्ट्र में 2020-21 सीजन में 11.3 लाख हेक्टेयर गन्ना क्षेत्र के मुकाबले, इस साल राज्य में नकदी फसल के तहत 12.3 लाख हेक्टेयर का अधिक क्षेत्र है। प्रति हेक्टेयर बढ़ी गन्ने की उत्पादकता रिकॉर्ड गन्ने की प्रचुरता के पीछे का रहस्य है। लगातार दो वर्षों के अच्छे मानसून और बांधों के क्षमता से भरे जाने से उत्पादन में और मदद मिली है। यहां तक कि वर्तमान अत्यंत कठोर गर्मी ने भी खड़े गन्ने को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचाया है। एक और दिलचस्प तथ्य यह है कि सांगली या कोल्हापुर के चीनी के कटोरे के बजाय, सूखाग्रस्त जिले मराठवाड़ा और सोलापुर गन्ना उपलब्धता के मामले में अग्रणी हैं। अब तक 198 में से केवल 40 मिलों ने अपना परिचालन समाप्त कर दिया है। इनमें से 28 सांगली और कोल्हापुर में हैं। औरंगाबाद मंडल में केवल एक मिल ने अपना सीजन समाप्त कर दिया है। नांदेड़ संभाग की 27 मिलों में से किसी ने भी परिचालन बंद नहीं किया है।

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