पुणे: महाराष्ट्र राज्य में चीनी मिलों का गन्ना पेराई सत्र पूरे जोरों पर है। यह एक वास्तविकता है कि कई स्थानों पर बैलगाड़ियों को अक्सर गन्ने से अधिक भरा जाता है और गन्ना परिवहन करते समय उनके साथ क्रूरतापूर्ण व्यवहार किया जाता है। चीनी आयुक्तालय ने चीनी मिलों को बैलों के माध्यम से क्षमता से अधिक गन्ना परिवहन करने वालों तथा उनके साथ क्रूरतापूर्ण व्यवहार करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया है।
अहिल्यानगर जिले के श्रीरामपुर में स्थित प्रेरणा फाउंडेशन की पल्लवी आल्हाट ने चीनी आयुक्त और पशुपालन आयुक्त से इस संबंध में शिकायत की थी। इस शिकायत पर संज्ञान लेते हुए चीनी आयुक्तालय ने जिला कलेक्टर और जिला पशु कल्याण सोसायटी, क्षेत्रीय शर्करा सह-निदेशक और राज्य शर्करा कारखाना संघ के प्रबंध निदेशक सहित महाराष्ट्र के चीनी मिलों को इस संबंध में कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
बैलगाड़ी में गन्ना परिवहन करते समय बैलों पर क्रूरतापूर्वक अत्याचार नहीं किया जाना चाहिए तथा उन पर उनकी क्षमता से अधिक भार नहीं डाला जाना चाहिए। सूर्योदय से पहले या सूर्यास्त के बाद पशुओं को पैदल नहीं ले जाना चाहिए। घायल, बीमार, कुपोषित या वृद्ध बैलों को उनका स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए अनिवार्य रूप से आराम दिया जाना चाहिए। पशुओं को 9 घंटे से अधिक समय तक परिवहन नहीं किया जाना चाहिए। उन्हें दोपहर 12 बजे से 3 बजे के बीच आराम दिया जाना चाहिए। चीनी आयुक्तालय ने महाराष्ट्र के निजी और सहकारी चीनी मिलों के कार्यकारी निदेशकों और महाप्रबंधकों को निर्देश दिया है कि, वे पशुओं को खाने-पीने के लिए चार किलोमीटर से अधिक दूर न ले जाएं।