महाराष्ट्र में गन्ना पेराई सीजन के अंतिम चरण में है और अधिकांश मिलों ने पेराई बंद कर दिया है। कोल्हापुर क्षेत्र की सभी मिलों ने अपना पेराई कार्य बंद कर दिया है।
चीनी आयुक्तालय की रिपोर्ट के अनुसार, 16 मार्च तक महाराष्ट्र में कुल 163 चीनी मिलों ने अपना काम बंद कर दिया है। इसमें सोलापुर की 43 मिलें, कोल्हापुर की 40 मिलें, पुणे की 22 मिलें, नांदेड़ की 21 मिलें, छत्रपति संभाजीनगर की 18 मिलें और अहिल्यानगर क्षेत्र की 19 मिलें शामिल हैं। पिछले सीजन की समान अवधि में राज्य में केवल 91 मिलें बंद हुई थीं।
महाराष्ट्र में चालू 2024-25 सीजन के लिए चीनी उत्पादन 787.67 लाख क्विंटल (करीब 78.76 लाख टन) तक पहुंच गया है, जो पिछले सीजन की इसी अवधि के दौरान उत्पादित 1036.67 लाख क्विंटल से कम है। वर्तमान में, 37 मिलें अभी भी गन्ना पेराई कार्यों में लगी हुई हैं, जबकि 163 मिलों ने अपना पेराई सत्र समाप्त कर लिया है। 16 मार्च तक, राज्य भर की मिलों ने 834.88 लाख टन गन्ने की पेराई की है, जबकि पिछले सीजन की इसी अवधि के दौरान यह आंकड़ा 1021.5 लाख टन था। राज्य की कुल चीनी रिकवरी दर 9.43% है, जो पिछले सीजन में इस समय हासिल की गई 10.15% दर से कम है।
उद्योग विशेषज्ञों का कहना है कि कम पैदावार और बढ़ी हुई पेराई क्षमता के कारण मिलों ने इस सीजन में समय से पहले ही परिचालन बंद कर दिया है।
पेराई सत्र की शुरुआत में देरी, एथेनॉल उत्पादन के लिए शुगर डायवर्जन और उपज में कमी के कारण राज्य में चीनी का उत्पादन पिछले सत्र की तुलना में कम रहा है।