कोल्हापुर: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में कई चीनी मिलर्स की साख दांव पर लगी है। पश्चिम महाराष्ट्र में ज्यादातर चीनी मिलर्स विधानसभा चुनाव में अपना नसीब आजमा रहे है। भूतपूर्व उपपंतप्रधान यशवंतराव चव्हाण, यशवंतराव मोहिते, बालासाहेब देसाई, तात्यासाहेब कोरे, रत्नाप्पाण्णा कुंभार, नागनाथअण्णा नायकवडी के सहयोगात्मक योगदान की बदौलत चीनी मिलों ने पश्चिमी महाराष्ट्र में अच्छी जड़ें जमा ली है। इस मिलों के खुलने से किसानों की गन्ने जैसी फसल से आय बढ़ गई। रोजगार के अवसर खुल गए। जाहिर तौर पर यही किसान फैक्ट्री से जुड़ा और बदले में फैक्ट्री के संस्थापक से भी जुड़ा। चूँकि फ़ैक्टरी के संस्थापक ही चुनाव में खड़े रहने लगे, और किसान मतदाता बन गये। उनकी मदद से ही कई मिलर्स लोकसभा, विधानसभा चुनाव आसानी से जीतते आ रहे है।
मौजूदा चुनाव में 25 से अधिक ऐसे चीनी मिलर्स हैं, जो पश्चिमी महाराष्ट्र में सतारा, सांगली, कोल्हापुर के इलाकों में अपना नसीब आजमा रहे हैं।
सतारा – बालासाहेब पाटिल, अतुल भोसले, मनोज घोरपडे, प्रभाकर घार्गे, शिवेंद्रसिंहराजे भोसले, मकरंद पाटिल के पास चीनी मिलें हैं। कोई इन फैक्ट्रियों का चेयरमैन है तो कोई डायरेक्टर।
सांगली- मानसिंगराव नाइक, संग्रामसिंह देशमुख, विश्वजीत कदम, संजयकाका पाटील, जयंत पाटिल और छह उम्मीदवार बैंकों और कारखानों के निदेशक हैं।
कोल्हापुर – के. पी.पाटिल, चंद्रदीप नरके, राहुल पाटिल, राजू आवले, अमल महाडीक, हसन मुश्रीफ, समरजीत घाटगे, विनय कोरे, राहुल आवाडे, गणपतराव पाटिल, ए. वाई पाटिल सहकारी चीनी मिलों और धागा मिलों से जुड़े उम्मीदवार हैं।
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