राज्य मंत्रिमंडल (Maharashtra Cabinet/कैबिनेट) ने रविवार को सहकारी चीनी मिलों को दिए जाने वाले ऋण पर सरकारी गारंटी के मानदंडों में संशोधन किया, तथा आगामी ऋण के लिए आवेदन करते समय ऋणदाता बैंकों से अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) की आवश्यकता में ढील दी।
मंत्रिमण्डल ने यह भी निर्धारित किया कि व्यक्तिगत जिम्मेदारी के अतिरिक्त सहकारी चीनी मिलों का सम्पूर्ण निदेशक मण्डल ऋण अदायगी की सामूहिक जिम्मेदारी भी वहन करेगा।
हिंदुस्तान टाइम्स में प्रकाशित खबर के मुताबिक, सहकारी चीनी मिलों को दूसरा ऋण लेने के लिए एक महत्वपूर्ण रियायत देते हुए राज्य मंत्रिमंडल ने ऋणदाता बैंकों से NOC प्राप्त करने की शर्त को समाप्त कर दिया है। वित्त विभाग ने प्रस्ताव पर अपनी टिप्पणी में इस रियायत का विरोध करते हुए कहा की ऋणदाता बैंक से NOC न मिलने की स्थिति में, यदि सहकारी चीनी मिल पहले लिया गया ऋण चुकाने में विफल रहती है, तो चुकाने की जिम्मेदारी राज्य सरकार पर आ जाएगी क्योंकि उसने उस ऋण की गारंटी दी है। इस आपत्ति के बावजूद, राज्य मंत्रिमंडल ने सहकारी चीनी मिलों को ऋणदाता बैंकों से NOC प्राप्त करने के लिए अनिवार्य प्रावधान को रद्द करने की मंजूरी दे दी।
सहकारी चीनी मिलों के ऋण के लिए संबंधित बोर्ड निदेशकों को ऋण वितरण से पहले व्यक्तिगत बांड जमा करना होगा। अब निदेशकों की व्यक्तिगत जिम्मेदारी के अलावा पूरा बोर्ड ऋण चुकौती की सामूहिक जिम्मेदारी वहन करेगा।
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