महाराष्ट्र: चीनी मिलों के बीच की दूरी की शर्त को रद्द करने की मांग

पुणे : शेतकरी संगठन के प्रदेशाध्यक्ष रघुनाथदादा पाटील के नेतृत्व में किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को चीनी आयुक्त डॉ. चंद्रकांत पुलकुंडवार से मुलाकात की, और गन्ना किसानों के लिए घातक दो चीनी मिलों के बीच की दूरी की शर्त को रद्द किया जाए, गन्ने का मूल्य 5,000 रुपये प्रति टन किया जाए, गन्ने के बकाया बिल और श्रमिकों के बकाया का तुरंत भुगतान करने की मांग की।

पाटिल ने कहा कि, राज्य में 84 मिलों ने अभी तक शत प्रतिशत एफआरपी का भुगतान नहीं किया है।भुगतान में विफल मिलों के खिलाफ राजस्व वसूली प्रमाणपत्र (आरआरसी) के अनुसार कार्रवाई की जानी चाहिए और किसानों से 15 प्रतिशत ब्याज के साथ राशि वसूली जानी चाहिए। कुछ चीनी मिलें कथित तौर पर गन्ना उत्पादकों को गन्ना तौलने में धोखा दे रही हैं, इसलिए किसानों को अपना गन्ना बाहर तौल कांटे पर तौलने की अनुमति और इसे मिलों द्वारा स्वीकार किया जाना चाहिए। पाटिल ने यह भी मांग की कि, गोपीनाथ मुंडे निगम द्वारा किसानों के बिल से प्रति टन 10 रुपये की कटौती रद्द की जानी चाहिए।

चीनी आयुक्त डॉ. चंद्रकांत पुलकुंडवार ने कहा कि, दो चीनी मिलों के बीच के दूरी की शर्त को रद्द करने का मामला केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है।उन्होंने कहा, शेतकरी संगठन की मांगों की जानकारी राज्य सरकार को दी जायेगी, और साथ ही मांगों का प्रस्ताव केंद्रीय स्तर पर भी भेजा जायेगा।इस अवसर पर चीनी निदेशक यशवंत गिरी, डॉ. संजयकुमार भोसले, सह-निदेशक सह संचालक मंगेश तिटकारे, राजेश सुरवसे, शिवाजी नांदखिले, ललिता खडके, शंकरराव मोहिते, वस्ताद दौंडकर, बाबा हरुगडे, राजेश नाईक, लक्ष्मण पाटील आदि उपस्थित थे।

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