महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर चीनी के न्यूनतम विक्रय मूल्य (MSP) के मुद्दे पर चर्चा की।
अमित शाह से मुलाकात को लेकर मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा की, उनके साथ मुलाकात चीनी के दाम को लेकर हुई है। हमने उनसे चीनी MSP को लेकर रिक्वेस्ट की है क्योंकि FRP में लगातार वृद्धि हुई है लेकिन चीनी MSP नहीं बड़ी है इसीलिए चीनी उद्योग दिक्कत का सामना कर रही है, तो हमने उनसे अनुरोध किया की अभी MSP बढ़ाना चाहिए नहीं तो इंडस्ट्री जो बहुत मुसीबत में है वो बाहर नहीं निकलेगी। उन्होंने कहा की मुझे यह मालूम है और मै इस पर अगले महीने रास्ता निकलूंगा।
चीनी मिल मालिकों का दावा है कि वे मुश्किल हालात का सामना कर रहे हैं क्योंकि नए सीजन की शुरुआत के साथ ही बाजार में चीनी की कीमत गिर गई है। चीनी की कीमतों में इस गिरावट के कारण मिलों के लिए किसानों को समय पर उनके गन्ने का भुगतान करने के लिए पर्याप्त राजस्व जुटाना मुश्किल हो जाएगा।
जून 2018 में, भारत सरकार ने पहली बार चीनी MSP 29 रुपये प्रति किलोग्राम निर्धारित किया था, जब गन्ने का FRP 2,550 रुपये प्रति टन था। हालांकि, FRP में लगातार वृद्धि हो रही है, लेकिन फरवरी 2019 से चीनी का MSP अपरिवर्तित बना हुआ है। गन्ने का FRP 2017-18 में 2,550 रुपये प्रति टन से बढ़कर 2024-25 सीजन में 3,400 रुपये प्रति टन हो गया। इसके विपरीत, 2018-19 से चीनी का FRP 31 रुपये प्रति किलोग्राम पर बना हुआ है।
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