मुंबई: महाराष्ट्र सरकार के मंत्री ने चीनी MSP में बढ़ोतरी होनी चाहिए इसका समर्थन किया है। उन्होंने मांग की है कि, केंद्र सरकार किसानों को उचित और लाभकारी मूल्य (FRP) भुगतान में देरी पर ब्याज 15 प्रतिशत से घटाकर 7.5 प्रतिशत करे। साथ ही सरकार ने चीनी के न्यूनतम बिक्री मूल्य (MSP) को 3,100 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 3,600 रुपये करने की भी मांग की है। द हिन्दू बिजनेस लाइन में प्रकाशित खबर के मुताबिक, राज्य सहकारिता मंत्री अतुल सावे ने हाल ही में राज्य सहकारिता मंत्रियों के राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह से यह मांग की।
चीनी मिल मालिकों ने एमएसपी बढ़ाने की राज्य की मांग का समर्थन किया है। मिल मालिकों के अनुसार, उच्च एफआरपी, कम रिकवरी और सुस्त मांग चीनी उद्योग को हर चीनी मौसम में आर्थिक संकट में फंसा देता है। चीनी मिलर्स के अनुसार, एक बार एमएसपी बढ़ने के बाद मिलों को बैंकों से अतिरिक्त कर्ज मिल सकता है क्योंकि चीनी स्टॉक की कीमत बढ़ जाएगी।
गन्ना नियंत्रण आदेश के अनुसार गन्ना खरीद के 14 दिनों के भीतर किसानों को एफआरपी का भुगतान किया जाना चाहिए। आदेश में यह भी प्रावधान है कि 14 दिनों की समय सीमा का पालन करने में विफलता के परिणामस्वरूप मिलों को प्रति वर्ष 15 प्रतिशत ब्याज का भुगतान करना होगा। चीनी मिलों की शिकायत रही है कि चीनी बाजार में उतार-चढ़ाव के कारण स्टॉक नहीं बिका है और इसलिए वे निर्धारित समय सीमा में किसानों को एफआरपी का भुगतान करने की स्थिति में नहीं हैं। चीनी मिल संघों ने बार-बार एफआरपी ब्याज में कमी की मांग की है। हालांकि, किसान संगठन इस तरह के किसी भी कदम के खिलाफ हैं।