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मुंबई: चीनी मंडी
महाराष्ट्र सरकार ने शुक्रवार को, जिन चीनी मिलों ने अभी तक गन्ना किसानों को उचित और पारिश्रमिक मूल्य (एफआरपी) का 80% भुगतान नहीं किया है, उन 44 चीनी मिलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी दी है। राज्य के चीनी आयुक्त शेखर गायकवाड़ ने चीनी मिलों से कहा है कि, वे चीनी मूल्य नियंत्रण आदेश – 2018 का सख्ती से पालन करें। गायकवाड़ ने कहा, उन मिलों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, जो गन्ना भुगतान देने में विफल रहते हैं।
मिलों को राजस्व वसूली प्रमाण पत्र जारी किए जाएंगे…
शेष बकाया के भुगतान के लिए एक तारीख देने में विफल रहने वाली मिलों को राजस्व वसूली प्रमाण पत्र जारी किए जाएंगे और कलेक्टरों द्वारा चीनी स्टॉक की जब्ती की जाएगी। महाराष्ट्र की कुल 200 मिलों में से 156 मिलों ने 80% या उससे अधिक उचित और पारिश्रमिक मूल्य का भुगतान किया है। फरवरी में पुरे देश के गन्ना किसानों का 20,000 करोड़ रुपये से अधिक का गन्ना बकाया था, इसमें से लगभग 4500 करोड़ रुपये महाराष्ट्र के किसानों का बकाया हैं।
रिकॉर्ड चीनी उत्पादन से घरेलू कीमतों पर प्रतिकूल प्रभाव…
गन्ना और रिकॉर्ड चीनी उत्पादन ने घरेलू कीमतों पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है, जिससे मिलों की वित्तीय सेहत इस हद तक प्रभावित हुई है कि, किसानों का करोड़ो रुपयों का बकाया है, जो एक प्रभावशाली मतदाता भी हैं। अभी देशभर में चल रहे आम चुनावों के मद्देनजर, केंद्र और राज्य दोनों सरकारें यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठा रही हैं कि, किसानों को समय पर गन्ना बकाया मिल जाए।
मार्च में, महाराष्ट्र सरकार ने कहा था कि, वे चीनी मिलों की वित्तीय स्थिती का जायजा लिया जायेगा, जिससे यह पता लगाया जायेगा की, उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम बिक्री मूल्य से नीचे में चीनी बेचीं है या नही। कीमतों में गिरावट और कमजोर मांग के कारण मिलों को 31 रुपये प्रति किलो के न्यूनतम मूल्य से नीचे बेचने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
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