नागपुर: महाराष्ट्र में चल रही गन्ना पेराई के बीच, सहकारिता मंत्री अतुल सावे ने बुधवार को कहा कि सरकार चीनी मिलों, गन्ना श्रमिकों और गन्ना ट्रांसपोर्टरों को धोखा देने वाले ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए एक तंत्र बनाएगी। विधानसभा में उनके द्वारा पेश किए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान विपक्ष के नेता अजीत पवार ने मंत्री सावे के संज्ञान में लाया कि राज्य में चीनी मिलों को गन्ना मजदूरों की आपूर्ति करने वाले गन्ना ट्रांसपोर्टर और ठेकेदार भुगतान के बाद भी काम पूरा नहीं करते है। वे काम बीच में छोड़कर भाग जाते हैं। वे गन्ना मजदूरों, ट्रैक्टर खरीदने वाले शिक्षित बेरोजगारों और गन्ना परिवहन व्यवसाय में लगे किसानों के बच्चों के पैसे का गबन करते हैं। पवार ने कहा कि, धोखा देने वाले ठेकेदारों की वजह से खेतिहर मजदूरों के भूखे मरने और किसानों के बच्चों के कर्जदार होने का समय आ गया है।
पवार ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में चीनी मिलों को गन्ना मजदूरों की आपूर्ति करने वाले और गन्ना परिवहन करने वाले पर्यवेक्षकों-ठेकेदारों द्वारा वित्तीय धोखाधड़ी के अपराध बड़े पैमाने पर बढ़े है। सुपरवाइजर-ठेकेदार एडवांस पैसा लेकर बिना काम के भाग जाते हैं। अजित पवार ने आगे कहा, दूसरी ओर सुपरवाइजर-ठेकेदार ही चीनी मिलों और किसानों के बच्चों पर मुकदमे दर्ज कराते हैं। इसे रोकने के लिए गोपीनाथ मुंडे गन्ना श्रमिक कल्याण निगम के माध्यम से एक तंत्र बनाया जाना चाहिए और उन्होंने मांग की कि, इस संबंध में शीघ्र निर्णय लेने के लिए सरकार द्वारा तत्काल बैठक बुलाई जानी चाहिए। मंत्री सावे ने पवार की मांग को स्वीकार कर लिया और तत्काल बैठक कर इस मुद्दे पर निर्णय लेने का वादा किया।