मुंबई : चीनी मंडी
महाराष्ट्र के सहकार मंत्री सुभाष देशमुख ने सोमवार को कहा कि, महाराष्ट्र सरकार कृषि उत्पादन और पशुधन विपणन (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम, 2017 के तहत वैधानिक न्यूनतम मूल्य (एसएमपी) के तहत राज्य में गैर-एमएसपी फसलों को लाने के लिए एक ढांचे पर काम कर रही है।
मंत्री देशमुख ने कहा कि, 21 अगस्त को हुए मंत्रिमंडल बैठक में एसएमपी के उल्लंघन के लिए जुर्माना लगाने के प्रस्ताव पर चर्चा की थी। वैधानिक न्यूनतम मूल्य (एसएमपी) से कम कीमत में अगर किसी के भी द्वारा फसलों की खरीद की जाती है तो उसे एक साल की जेल और 50,000 रुपये का जुर्माना लगाने प्रावधान रखने पर चर्चा हुई ।
कृषि लागत और कीमत आयोग द्वारा अनुमानित खेती की लागत के आधार पर केंद्र सरकार द्वारा एसएमपी की घोषणा की जाती है। चीनी मिलों को गन्ना उत्पादकों का इस तय की गई मूल कीमत पर भुगतान करना ही होगा।एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हमने राज्य सलाहकार मूल्य (एसएपी) और एसएमपी का भुगतान नहीं करने वाले लोगों के लिए एसएमपी पर जुर्माने और जेल की अवधि शामिल करने का प्रस्ताव दिया है।” एसएमपी से संबंधित निर्णय महाराष्ट्र विधानसभा में पहले विचार-विमर्श के लिए पेश किया जाएगा। उसके बाद ही उसपर कोई फैसला हो सकता है। उन्होंने कहा, यह अब तक तो सिर्फ गन्ना फसल तक ही सीमित है ।
मंत्री ने कहा कि, उनकी योजनाओं के मुताबिक, भविष्य में बाजार में अपने विशिष्ट उत्पादन की उचित बिक्री के लिए एक अध्यादेश के माध्यम से कुछ फसलों के लिए एसएमपी घोषित कि जा सकती है। एमएसपी के उल्लंघन के लिए कारवाई का मौजूदा अधिनियमों और नियमों में पहले ही प्रावधान हैं।
फेडरेशन ऑफ एसोसिएशन ऑफ ट्रेडर्स (महाराष्ट्र) के अध्यक्ष वालचंद संचेती ने बताता की, सहकार मंत्री सुभाष देशमुख ने सोमवार सुबह मुंबई के पूरे राज्य के 300 व्यापारियों से मुलाकात की, जहां उन्होंने व्यापारियों को आश्वासन दिया कि सरकार को व्यापारियों को परेशान करने का कोई इरादा नहीं है। मंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि सरकार प्रस्तावित संशोधन के साथ आगे नहीं बढ़ेगी और महाराष्ट्र एपीएमसी अधिनियम 1963 के साथ जारी रहेगी, कृषि लागत और कीमतों के महाराष्ट्र राज्य आयोग के अध्यक्ष पाशा पटेल ने यह बात स्पष्ट की है ।