नाशिक: कम, अनियमित और बेमौसम बारिश ने न केवल गन्ने की फसल और किसानों को प्रभावित किया, बल्कि गन्ना श्रमिकों की आजीविका भी प्रभावित की। पेराई सत्र नवंबर में शुरू होता है। नाशिक से खेत मजदूर पारिश्रमिक के आधार पर काम की तलाश में अहमदनगर और यहां तक कि कोल्हापुर भी जाते है। हालांकि, इस बार मांग कम है। नंदगांव तालुका स्थित मुकादम (ठेकेदार) हीरालाल चौधरी ने कहा, हमें 20% से अधिक श्रमिकों को वापस भेजना पड़ा क्योंकि पर्याप्त काम नहीं था।
द टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित खबर के मुताबिक, चौधरी ने कहा कि, इस मानसून में अनियमित और कम बारिश से फसलों को नुकसान हुआ है। इसी तरह नवंबर में बेमौसम बारिश से भी पैदावार प्रभावित हुई। उन्होंने कहा, कई किसानों ने या तो बागान हटा दिए या फसलों को आग लगा दी।
उन्होंने कहा, पिछले पेराई सत्र के दौरान हमारे पास नंदगांव के कई गांवों से लगभग 700 श्रमिक थे। इस सीजन में, संख्या घटकर 550 हो गई है। नंदगांव तालुका के श्रमिकों में से एक राजेश काले ने कहा, मेरे परिवार के चार सदस्यों ने पिछली बार काम किया था, लेकिन इस साल, हममें से केवल दो को काम पर रखा गया है।