धाराशिव : मांजरा शुगर इंडस्ट्रीज AI-संचालित खेती को अपनाकर महाराष्ट्र के चीनी उद्योग को आधुनिक बनाने की दिशा में कदम उठा रही है। पारंपरिक उद्योगों को नया आकार देने वाले तकनीकी युग में, चीनी क्षेत्र उत्पादकता बढ़ाने, रिकवरी दरों में सुधार करने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जैसे नवाचारों को अपना रहा है।
कंपनी ने AI-संचालित खेती को लागू करने के लिए MapMyCrop के साथ साझेदारी की है, जो ऐसा करने वाली महाराष्ट्र की पहली निजी चीनी मिलों में से एक बन गई है। इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य सैटेलाइट इमेजिंग और AI एनालिटिक्स का उपयोग करके गन्ने की पैदावार को बढ़ाना, पानी के उपयोग को अनुकूलित करना, मिट्टी के स्वास्थ्य को बहाल करना और जलवायु चुनौतियों का मुकाबला करना है।
धाराशिव और लातूर में एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया है, जहाँ AI सिस्टम मल्टीस्पेक्ट्रल डेटा का उपयोग करके मिट्टी की स्थिति, सुक्रोज सामग्री और फसल के स्वास्थ्य की निगरानी करेगा। यह तकनीक 95% सटीकता के साथ चीनी की रिकवरी का अनुमान लगाने का वादा करती है, जिससे किसानों को फसल के स्वास्थ्य, मौसम की स्थिति और उपज के पूर्वानुमान के बारे में वास्तविक समय की जानकारी मिलती है। इससे किसान लागत कम करने, संसाधनों के उपयोग को अनुकूलित करने और उत्पादकता में सुधार करने में सक्षम होंगे।
बारामती एग्रो ट्रस्ट के साथ मैपमाइक्रॉप की पिछली सफलता ने इस विस्तार का मार्ग प्रशस्त किया है। मूल्यांकन के बाद, यह पहल आगे भी बढ़ सकती है, ओडिशा, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश में पहले से ही इसी तरह की परियोजनाएँ चल रही हैं।उत्तर प्रदेश में, जुआरी इंडस्ट्रीज लिमिटेड की गोबिंद शुगर मिल्स-ऐरा (GSMA) भी AI तकनीक को अपना रही है, जो चीनी उत्पादन में क्रांति ला रही है और किसानों को सशक्त बना रही है। चीनी उद्योग में AI एकीकरण की यह बढ़ती प्रवृत्ति टिकाऊ और कुशल कृषि प्रथाओं की ओर एक व्यापक बदलाव दिखा रही है।